नीलगिरी पर 47वां मुकदमा: जमीन के नाम पर हड़पे 4 लाख 14 हजार, पैराडाइज एवेन्यू पर भी बाउंस चेक देने का आरोप
वाराणसी,भदैनी मिरर। रियल एस्टेट कंपनी नीलगिरी के कारनामें हर रोज उजागर हो रहे है। जनता को न तो नीलगिरी इंफ्रासिटी के मालिकों ने जमीन दी और न ही पैसे लौटाए। जिसने भी उनसे पैसे मांगे उसके बदले में उसे गाली-गलौज और धमकी मिली। इस कंपनी ने जनता से गोल्ड और टूर पैकेज के नाम पर भी निवेश कराकर धोखा दिया है। जालसाजी, धोखाधड़ी और धमकाने के लिए कुख्यात नीलगिरी इंफ्रॉसिटी कंपनी के मालिकों के खिलाफ 47वां मुकदमा भी चेतगंज थाने में दर्ज हो गया है। वाराणसी की जिला जेल में बंद कंपनी के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर विकास सिंह मैनेजिंग डायरेक्टर रितु सिंह और मैनेजर प्रदीप यादव के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर धोखाधड़ी समेत कई गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। निलगीरी इंफ्रासिटी टूर पैकेज और आवासीय प्लॉट के नाम पर कंपनी में निवेश कराने के बाद पैसे हड़पा है।
6 साल दौड़ाने के बाद देने लगा धमकी
वाराणसी के शिवपुर गिरिधर नगर कॉलोनी निवासी संदीप कुमार कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाई की उनके भाई मनीष वर्ष 2015 में 17 दिसम्बर को नीलगिरी कंपनी को बाबतपुर में प्लाट बुक करने के नाम पर 4 लाख 14 हजार रूपये का चेक दिया था। जिसके बाद पीड़ित लगातार कंपनी जाते रहे लेकिन सीएमडी विकास सिंह, एमडी रितु सिंह और मैनेजर प्रदीप यादव पहले टरकाते रहे और फिर बाद में गाली-गलौच और जान से मारने की धमकी देने लगे। जब पीड़ित लगातार कंपनी के ऊपर दबाब डालने लगा तो सीएमडी, एमडी और मैनेजर ने पीड़ित से वर्ष 2020 में 3 फरवरी को प्लाट कैंसिलेशन का फॉर्म भरवाकर 40 हजार का चेक दे दिया। चेक बाऊंस होने के बाद पीड़ित ने पहले पुलिस के पास गया जब मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया है।
पैराडाइज एवेन्यू ने भी जनता को लगाया है चपत
आवासीय प्लाट, टूर पैकेज के नाम पर केवल शाइन सिटी और नीलगिरी इंफ्रासिटी ही नहीं बल्कि रियल एस्टेट कम्पनी पैराडाइज एवेन्यूइंफ्रावेंचर ने भी जनता को ठगा है। हालांकि, पुलिस का शिकंजा कसते देख वाराणसी में अपना दफ्तर बन्द कर मालिक अमित शर्मा फरार हो गया है। पैराडाइज एवेन्यूइंफ्रावेंचर के मालिक पर चेक बाउंस के आरोप में एनआई एक्ट में कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई गई है। आरोप है कि पैराडाइज एवेन्यूइंफ्रावेंचर के मालिक अमित शर्मा ने बाबा एडवरटाइजमेंट एजेंसी से विज्ञापन कराने का पैसा नही दिया। एडवरटाइजमेंट एजेंसी के मालिक अमित श्रीवास्तव ने बताया कि पैसा मांगने पर हमें कुल 5 चेक 6 लाख का दिया गया, लेकिन बारी-बारी से सब बाउंस हो गए। लीगल नोटिस भेजने के बाद भी जब कम्पनी के मालिक ने कोई उत्तर नहीं दिया तो अंत में कोर्ट में मुकदमा दर्ज करना पड़ा।
जल्द दाखिल होगा आरोप पत्र
पुलिस कमिश्नर (सीपी) ए. सतीश गणेश ने बताया कि नीलगिरी कंपनी के सभी पीड़ितों का मुकदमा पंजीकृत कराया जा रहा है। विशेष जांच दल (SIT) को तेजी से गुणवत्तापूर्ण जांच के निर्देश दिए गए है। सभी मामलों में आरोप पत्र जल्द ही न्यायालय भेजकर प्रभावी पैरवी से कठोर सजा दिलवाई जाएगी। प्रवर्तन निदेशालय भी इस कंपनी का अलग से जांच कर रही है।
ऐसे पकड़ा नीलगिरी का मामला तूल
- कमिश्नरेट बनने के बाद लगातार उच्चाधिकारियों के पास नीलगिरी इंफ्रासिटी के जालसाजी और धोखाधड़ी कर करोड़ो रुपए गबन करने की शिकायत पहुंच रही थी।
- 26 जुलाई 2021 को गुजरात, बिहार, झारखंड सहित कई राज्यों के पीड़ित पहुंचकर नीलगिरी के ऑफिस में हंगामा किए, जिसके बाद पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने कार्रवाई की मांग की।
- 5 अगस्त 2021 को जालसाज कंपनी नीलगिरी के सीएमडी विकास सिंह ने खुद को सही दिखाने के लिए अमिताभ ठाकुर सहित 10 लोगों के खिलाफ कोर्ट में 50 लाख की रंगदारी मांगने का वाद दाखिल किया।
- 6 अगस्त 2021 को पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने नीलगिरी के खिलाफ पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश से शिकायत की। और नीलगिरी के ऊपर दर्ज मुकदमों की सामूहिक जांच की मांग की।
- 30 अगस्त 2021 को पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश के सख्त होते के बाद पुलिस ने निलगीरी के सीएमडी विकास सिंह, मैनेजर प्रदीप कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरु की।
- 31 अगस्त 2021 को सीएमडी विकास सिंह, एमडी रितु सिंह और मैनेजर प्रदीप कुमार को चेतगंज पुलिस ने जेल भेज दिया।
- 1 सितंबर 2021 से पुलिस ने नीलगिरी के कर्ताधर्ताओं के ऊपर गैंगेस्टर लगाने की कार्रवाई शुरु की
- 1 सितंबर 2021 को ही पुलिस कमिश्नर (सीपी) ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।
- 2 सितंबर 2021 को सीपी ने एसआईटी को निर्देश दिया कि एडीएम, विकास प्राधिकरण और एआरटीओ से संपत्ति का ब्यौरा इकट्ठा करें।
- 11 सितंबर को चेतगंज पुलिस ने कोर्ट से पुलिस कस्टडी रिमांड लेकर विकास सिंह और मैनेजर प्रदीप यादव को जेल से लाकर पूछताछ की।