सॉल्वर गैंग के संपर्क में थे NEET-UG के 25 कैंडिडेट्स, कमिश्नरेट पुलिस ने NTA को भेजी जानकारी...
वाराणसी (Varanasi) पुलिस (Police) को जांच के दौरान पता चला है कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) में सॉल्वर गैंग के संपर्क में केवल त्रिपुरा की हीना विश्वास नहीं बल्कि 25 कैंडिडेट्स थे। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश (CP A Satish Ganesh) ने बताया कि इसकी सूचना NTA को दे दी गईं है। फिलहाल इस गैंग का मास्टरमाइंड नीलेश कुमार उर्फ प्रेमकुमार उर्फ PK अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर बाहर है।
वाराणसी, भदैनी मिरर। NEET-UG के प्रवेश परीक्षा में सॉल्वर गैंग की जांच कर रही वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस को चौकानें वाला तथ्य सामने आया है। मामलें की जांच कर रहे थाना सारनाथ के चौकी प्रभारी सरायमोहना सूरज तिवारी को यह तथ्य सामने आया की सॉल्वर गैंग के फरार मास्टरमाइंड नीलेश कुमार उर्फ प्रेमकुमार उर्फ PK के संपर्क में केवल त्रिपुरा की हीना विश्वास ही नहीं बल्कि 25 और भी कैंडिडेट्स थे। पुलिस ने बिहार, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और ओडिशा के इन कैंडिडेट का विवरण और उनके फिंगर प्रिंट के सैंपल इकट्ठा कर परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को सूचना दे दी है। इन सभी कैंडिडेट को पुलिस की ओर से क्रिमिनल प्रोसीजर कोड के तहत नोटिस भेजा जाएगा और आगे यह किसी परीक्षा में शामिल न हो सकें, इसकी मुकम्मल व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही इन सभी की अग्रिम जमानत के विरोध के लिए पुलिस ठोस सबूत एकत्र कर रही है।
इस वर्ष 12 सितंबर को NEET-UG की परीक्षा आयोजित की गई थी। वाराणसी के सारनाथ स्थित एक परीक्षा केंद्र से क्राइम ब्रांच ने त्रिपुरा की हीना विश्वास के स्थान पर पुलिस ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के बीडीएस के द्वितीय वर्ष की छात्रा जुली कुमारी और उसकी माँ बबिता कुमारी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के आधार पर पुलिस ने इस प्रकरण में अन्य और भी गिरफ्तारियां की थी। जूली की मां को सॉल्वर गैंग ने 5 लाख रुपए का लालच देकर 50 हजार रुपए एडवांस दिए थे।
सभी गिरफ्त में होंगे और कड़ी कार्रवाई होगी
पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने शनिवार को कहा कि होनहार बच्चों का भविष्य खराब करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इसलिए मुकदमे की विवेचना अतिरिक्त सतर्कता के साथ करते हुए साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। जो भी आरोपी अभी तक गिरफ्तार नहीं हो सके हैं, ठोस साक्ष्यों के आधार पर ही पुलिस उनकी अग्रिम जमानत नहीं होने देगी। बिहार, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा के लिए तीन अलग-अलग पुलिस टीमें गठित की गई हैं। साक्ष्य संकलन का काम लगभग खत्म होने के कगार पर है। सभी आरोपियों के खिलाफ जल्द ही अदालत में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।