लैंगिक मसलों पर समझदारी बनाने के मुद्दे पर हरिश्चंद्र डिग्री कॉलेज में आयोजित हुई कार्यशाला...

हरिश्चंद्र डिग्री कॉलेज में दख़ल संगठन की ओर से छात्र-छात्राओं के बीच लैंगिक मसलों पर समझदारी बनाने के लिए मंगलवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया.

लैंगिक मसलों पर समझदारी बनाने के मुद्दे पर हरिश्चंद्र डिग्री कॉलेज में आयोजित हुई कार्यशाला...

वाराणसी, भदैनी मिरर। हरिश्चंद्र डिग्री कॉलेज में दख़ल संगठन की ओर से छात्र-छात्राओं के बीच लैंगिक मसलों पर समझदारी बनाने के लिए मंगलवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का उद्वेश्य कार्यक्रम समन्वयक  प्रो. शुभ्रा सिंह ने छात्रों को बताया. कार्यशाला का आयोजन मिशन शक्ति टीम हरिश्चद्र कॉलेज और दख़ल संगठन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ.

जेंडर क्या है ? जेंडर आधारित हिंसा क्या है ? जैसे सवालों को लेकर दख़ल संगठन की कार्यकत्रियों ने छात्रों के बीच में बुनियादी बातों को ग्रुप चर्चा और वीडियो के माध्यम से समझाने की सफल कोशिश की. हिंसा के प्रकारों को बतलाते हुए महिला हिंसा रोकथाम कानून के बारे में विस्तार से बताया गया. कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से रोकथाम , घरेलू महिला हिंसा रोकथाम से लेकर महिला पुलिस बल और महिला हेल्पलाइन आदि बिंदुओ पर जानकारीयों को सुनने में छात्र काफी उत्सुक दिखाई दिए. सूचनाप्रद और गंभीर चर्चाओं के बाद बराबरी के मूल्य को दर्शाती फिल्म ' इम्पोसिबल ड्रीम ' का प्रदर्शन किया गया.

"द इम्पॉसिबल ड्रीम" एक पुरस्कार विजेता एनिमेटेड फिल्म है. इस फिल्म का निर्माण 1983 में किया गया था. फिल्म महिलाओं द्वारा हर जगह पर सामना की जाने वाली समस्या पर "हलके फुल्के मजाकिया लहजे में नजर डालती है. एक गृहिणी के घर में 24 घंटे नौकरी पर रहने की क्या क्या जिम्मेदारियां होती है. इसमें एक बच्चे और दो स्कूली उम्र के बच्चों की कहानी है. बच्चो के माता-पिता दोनों घर के बाहर काम करते हैं, जो महिला अपने पति के समान घंटे काम करती है, उसे पुरुष की तुलना में कम भुगतान किया जाता है. इसके अलावा, बच्चों की देखभाल और सभी घरेलू कर्तव्यों की जिम्मेदारी महिला की ही है. यह फिल्म समाज में लिंग के मुद्दों पर महिलाओं और पुरुषों को जागृत करने की वकालत करती है. यह फिल्म दुनिया भर में प्रशिक्षण उपकरण बन गयी है.

दिक्षा द्वारा फिल्म प्रदर्शन के बाद छात्रों के बीच फिल्म के विषय पर चर्चा का खुला सत्र रखा गया. फिल्म में उठाए गए सवालो को लेकर छात्र इतनी संवेदनशीलता से अपना पक्ष रख रहे थे, ये अपने आप में प्रेरक बात थी और आशा बढ़ाने वाली चीज दिखी. कार्यशाला का संचालन नीति ने किया. फिल्म पर चर्चा सत्र को शिवांगी ने संचालित किया. धन्यवाद ज्ञापन विभाग की ओर से प्रो. राजेंद्र यादव ने किया.

कार्यशाला में मुख्य रूप से नीति ,शिवांगी, दीक्षा, अनुज, डॉ. आकांक्षा, प्रो0 विश्वनाथ वर्मा, प्रो0 कनक लता विश्वकर्मा, डॉ.राम आशीष, डॉ.वंदना पांडे, डॉ. दुर्गेश सिंह यादव, शेफल पाल, श्री राजेंद्र यादव, प्रज्ञा ओझा, निधि, दिव्यानी बरनवाल और गरिमा सिंह आदि मौजूद रहे.