काशी में बरसा हे इंद्रदेव : बनारसियों ने रचाई अनोखी शादी, बारिश के लिए मेंढक को बनाया दूल्हा और मेंढकी संग कराए सात फेरे...

वाराणसी में इन दिनों तापमान 45-46 डिग्री तक पहुंच गया है, जिससे बच्चे-बड़े-बूढ़े हर कोई परेशान है. ऐसे में लोग बस इंद्र देवता से बारिश करने की गुहार लगा रहे है कि कब वो बरसे और उनको इस उमस और चिलचिलाती धूप और गर्मी से राहत मिल सके. ऐसे में इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए वाराणसी के लोगों ने अनोखी शादी का आयोजन किया, जिसमें मेंढक को दूल्हा बनाकर मेंढकी को दुल्हन फिर दोनों की शादी रचाई गई.

काशी में बरसा हे इंद्रदेव : बनारसियों ने रचाई अनोखी शादी, बारिश के लिए मेंढक को बनाया दूल्हा और मेंढकी संग कराए सात फेरे...

वाराणसी, भदैनी मिरर। जहां एक पूरे देश में प्रचंड गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है, तो वहीं दूसरी ओर धर्म व आध्यात्म की नगरी काशी में भी आसमान से बरसती आग और लू ने काशीवासियों का जीना मुहाल कर दिया है. वाराणसी में इन दिनों तापमान 45-46 डिग्री तक पहुंच गया है, जिससे बच्चे-बड़े-बूढ़े हर कोई परेशान है. ऐसे में लोग बस इंद्र देवता से बारिश करने की गुहार लगा रहे है कि कब वो बरसे और उनको इस उमस और चिलचिलाती धूप और गर्मी से राहत मिल सके. ऐसे में इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए वाराणसी के लोगों ने अनोखी शादी का आयोजन किया, जिसमें मेंढक को दूल्हा बनाकर मेंढकी को दुल्हन फिर दोनों की शादी रचाई गई.

वाराणसी के पहाड़ियां स्थित श्रीनगर कॉलोनी में डीह बाबा मंदिर पर मेंढक-मेंढकी की यह अनोखी शादी कराई गई है. मंदिर के पुजारी ने बताया कि वाराणसी में बीते दिनों तापमान 48-49 डिग्री तक पहुंच गया था और अभी भी 45-46 से डिग्री अधिकतम तापमान है. ऐसे में बारिश कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. इसे देखते हुए हम लोगों ने आज मंदिर में  मेंढक-मेंढकी का विवाह कराया है, जिससे कि इंद्रदेवता प्रसन्न हो जाए और काशी समेत आसपास के क्षेत्रों में जल्द से जल्द बारिश हो. 

उन्होंने आगे बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार ऐसा कहा जाता है अगर बारिश करानी हो तो मेंढक-मेंढकी की शादी कराने पर इंद्र देवता खुश होकर बरसात करते हैं, इसलिए आज हम सब ने मिलकर मेंढक को दूल्हा बनाया और मेंढकी को दुल्हन फिर दोनों के साथ फेरे कराए. विवाह के बाद इंद्र देवता से काशी में जल्द से बारिश हो इसकी प्रर्थना की, जिससे काशीवासियों को इस भीषण गर्मी से राहत मिल सकें.