आंध्र प्रदेश से आए दो सगे भाइयों ने वाराणसी में की आत्महत्या, परिजनों से पुलिस ने साधा संपर्क, DCP बोले-जांच जारी

आंध्र प्रदेश के नारायण पुरम वेस्ट गोदावरी से काशी भ्रमण पर आए दो यात्रियों का शव फंदे से लटका हुआ मंगलवार को वाराणसी मानसरोवर (भेलूपुर) के स्थित राम तारक आंध्रा आश्रम में मिला.

आंध्र प्रदेश से आए दो सगे भाइयों ने वाराणसी में की आत्महत्या, परिजनों से पुलिस ने साधा संपर्क, DCP बोले-जांच जारी

वाराणसी, भदैनी मिरर। आंध्र प्रदेश के नारायण पुरम वेस्ट गोदावरी से काशी भ्रमण पर आए दो यात्रियों का शव फंदे से लटका हुआ मंगलवार को वाराणसी मानसरोवर (भेलूपुर) के स्थित राम तारक आंध्रा आश्रम में मिला. ट्रस्ट्री मैनेजर की सूचना पर एसीपी भेलूपुर धनंजय मिश्रा, इंस्पेक्टर भेलूपुर विजय शुक्ला और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची. पुलिस ने परिजनों से संपर्क किया है.

ट्रस्ट्री मैनेजर वीवी सुंदर शास्त्री ने पुलिस को सूचना दी. बताया कि दोपहर दो बजे के करीब जब सफाईकर्मी पहुंचा तो कमरे से बदबू आ रही थी. कमरे में कुंडी में  गमछा के सहारे पी लक्ष्मी नारायणम 34 वर्षीय और वी लोक विनोद 32 वर्षीय का शव लटका मिला. दोनों  28 अगस्त को आश्रम में आए थे. मैनेजर की मौजूदगी में कमरे का दरवाजा तोड़ा गया. पुलिस की मानें तो पहले बड़े भाई ने फांसी लगाई थी, उसका हाथ पैर बंधा था. छोटे भाई ने बड़े भाई के मरने के बाद फांसी लगाई. दोनों की बॉडी फूल गई थी. कमरे के भीतर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.

जानकारी के अनुसार छोटा भाई 8 सितंबर की दोपहर कमरे से बाहर निकलकर कूड़ेदान कमरे में ले जाते सीसीटीवी में देखा गया है. लेकिन भाई 5 सितंबर के बाद से नहीं देखा गया है. जबकि उसके पहले आश्रम की ओर से मिलने वाले दोनों टाइम का भोजन-नाश्ता करते थे. पुलिस दोनों मोबाइल कब्जे में लेकर छानबीन करने में लगी है. आश्रम के मैनेजर वीवी सुंदर शास्त्री ने बताया कि इस आश्रम में सिर्फ दक्षिण भारत के आने वाले तीर्थ यात्रियों को ही कमरा मिलता है.

सूचना पाकर मौके पर पहुंचे डीसीपी काशी जोन गौरव वंशवाल ने बताया कि दो यात्री पिछले महीने 28 तारीख को आए थे. दोनों भाई बताए जा रहे है. इन्होंने आत्महत्या क्यों की इसकी जांच चल रही है. कमरे से किसी प्रकार का सुसाइड नोट नहीं मिला है. एक बॉडी ज्यादा गल गई है, और अभी कुछ ठीक है. कहा कि परिजनों से वार्ता करके ही सटीक जानकारी मिल सकती है. यह अंतिम बार 8 सितम्बर को देखे गए थे, लेकिन इन्होंने 5 सितंबर से ही आश्रम में मिलने वाले निःशुल्क भोजन, नाश्ता बंद कर दिया था.