तिरंगे में लिपटकर पहुंचा लाल तो दर्शन को टूट पड़ा गांव, परिवार का रो-रोकर बुरा हाल...

The mortal remains of the soldier reached the village wrapped in the tricolor, people gathered for the last glimpse, weeping of the family members. तिरंगे में लिपटकर सैनिक का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव।अंतिम दर्शन को उमडे लोग, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल।

तिरंगे में लिपटकर पहुंचा लाल तो दर्शन को टूट पड़ा गांव, परिवार का रो-रोकर बुरा हाल...
सैनिक के पार्थिव शरीर के पास रोते-बिलखते परिजन।

वाराणसी, भदैनी मिरर। सरवनपुर गांव (लोहता) निवासी सेना के जवान श्यामजी यादव का पार्थिव शरीर बुधवार की सुबह उनके पैतृक गांव पहुंचा। तिरंगे में लिपटे अपने लाल को देखने के लिए पूरा गांव टूट पड़ा। जैसे ही श्यामजी का पार्थिव शरीर पहुंचा सभी की आंखें नम हो गई। वहीं श्यामजी की पत्नी और बच्चों का  रो-रोकर बुरा हाल था। सूचना मिलने पर एसडीएम उदयभान मौके पर पहुंचे और अंत्योष्टि की प्रक्रिया करवाई और कहा कि परिवार की मांग को उचित स्थान तक पहुंचा दिया जाएगा।

संदिग्ध परिस्थिति में मिली थी लाश 

सरवनपुर निवासी जित्तू यादव का सबसे छोटा बेटा श्यामजी यादव सेना में हवलदार पद पर तैनात था। वर्तमान में जम्मू कश्मीर में तैनाती थी। बीते शनिवार को पठानकोट के एक होटल में उनकी लाश संदिग्ध हालात में मिली थीं।जवान के पास मिले पहचान पत्र और मोबाइल नंबर के आधार पर परिजनों को सूचना दी गई थी। सूचना मिलने के बाद परिजन पठानकोट गए थे। जांच पड़ताल सहित अन्य प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद जवान का शव परिजनों को दिया गया। भारतीय सेना के जवान और परिजन शव लेकरर गांव पहुंचे। पार्थिव शरीर गांव के बॉर्डर पर पहुंचते ही भारत माता की जय के नारे लगाते हुए लोग घर तक पहुंचे, जहां पर पार्थिव अभी शरीर रखा गया। मृत जवान को दो बेटे और एक बेटी है। पत्नी इंदो यादव सहित बेटी नेहा तथा बेटे नितिन और किशन का रो रोकर बुरा हाल रहा।

मां और पत्नी से की थी बात

परिजनों के अनुसार जम्मू कश्मीर में तैनात श्यामजी यादव तीन माह पूर्व नवंबर में 15 दिनों की छुट्टी पर आया था। नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में वह ड्यूटी पर लौट गया था। दो माह पूर्व उसकी पोस्टिंग मामून कैंट के लिए हुई थी, लेकिन उन्होंने पोस्टिंग नहीं ली। दिसंबर में वह श्रीनगर में तैनात था। परिजनों के अनुसार शनिवार शाम को उसकी बात पत्नी इंदो देवी और मां से हुई थी। हालांकि बातचीत में उसने कुछ स्पष्ट जानकारी नहीं दी कि वह कहां है। मां से कहा कि गोली लगी है, जबकि पत्नी से बताया कि ड्यूटी पर तैनात है। दोबारा बात नहीं हुई और फोन ऑफ जाने लगा। फिर की सूचना मिली। श्यामजी यादव जब घर आया था तो परिजनों से वादा किया था कि अब होली की छुट्टी पर घर आऊंगा।