STF ने 3 जालसाजों को किया गिरफ्तार: आर्मी, रेलवे और सिचाई विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर करते थे ठगी, बरामद डायरी उगल रही राज...

STF arrested 3 fraudsters Used to cheat in the name of getting jobs in Army Railways and Irrigation DepartmentSTF ने 3 जालसाजों को किया गिरफ्तार: आर्मी, रेलवे और सिचाई विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर करते थे ठगी, बरामद डायरी उगल रही राज...

STF ने 3 जालसाजों को किया गिरफ्तार: आर्मी, रेलवे और सिचाई विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर करते थे ठगी, बरामद डायरी उगल रही राज...

वाराणसी,भदैनी मिरर। बढ़ते बेरोजगार युवकों के लाचारी का फायदा उठाकर वाराणसी, हैदराबाद, नई दिल्ली, कोलकता, भुवनेश्वर, लखनऊ जैसे शहरों में आर्मी, रेलवे, सिंचाई विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग को स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने सिगरा के काशी विद्यापीठ रोड स्थित भारत माता मंदिर के पास से सरगना समेत 3 को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार होने वालों में सरगना नई दिल्ली के गदनागिरी निवासी अजीत प्रताप सिंह उर्फ अमन सिंह, धर्मेन्द्र कुमार निवासी अरनज हामी थाना साउ जनपद कानपुर देहात, आशु सिंह निवासी  मदनगिरी अम्बेडकरनगर नई दिल्ली है। तीनो के पास से सेना, रेलवे के फर्जी आईडी और नियुक्ति पत्र के आलावा भारत सरकार अंकित लिफाफा, कई विभागों के 8 मुहर बरामद हुआ है। 


मिलिट्री इन्टेलीजेन्स से मिली STF को जानकारी


बेरोजगार युवकों से आवेदन पत्र भरवाकर उनका फर्जी मेडिकल कराते हुये फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगने की सूचना मिलिट्री इन्टेलीजेन्स'(M.I.) वाराणसी से एसटीएफ को मिली। एसटीएफ के वाराणसी फील्ड यूनिट के इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच शुरु हुई तो एसटीएफ को पता चला कि इसी तरह के एक मामलें में वाराणसी के थाना सिगरा पर पहले से मुकदमा दर्ज है। मुखबिर से एसटीएफ को सूचना मिली कि आर्मी, रेलवे, सिचाई विभाग में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का सरगना अजीत प्रताप सिंह उर्फ अमन अपने गैंग के कुछ साथियों के साथ थाना सिगरा के काशी विद्यापीठ रोड पर भारत माता मंदिर के पास खड़ा है और कुछ लड़को को सरकारी नौकरी में भर्ती के नाम पर ठगी करने के लिये उन्हें बुलाया है। जहां से 3 को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है।

कॉल सेंटर चलाने के दौरान आया जालसाजों के संपर्क में


एसटीएफ के पूछताछ में गिरोह का सरगना अजीत प्रताप सिंह उर्फ अमन ने बताया कि वह पहले एक प्राइवेट कॉल सेन्टर पर नौकरी के दौरान प्राइवेट कम्पनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर 5-5 हजार रूपये लेता था। इसी दौरान इसका सम्पर्क बिहार और प. बंगाल के अन्य जालसाजो से हो गया, जो नौकरी दिलाने के नाम पर पहले से ही ठगी का काम करते थे। इन लोगों ने मिलकर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने की योजना बनायी। जिसकी बाद अलग-अलग स्थानों पर अपने स्थानीय एजेण्ट विकसित कर उनके माध्यम से इच्छुक अभ्यर्थियों से सम्पर्क कर इनका विभिन्न सरकारी विभाग में नौकरी के लिये फार्म भरवाते थे। इसके बाद संबंधित अभ्यर्थी का फर्जी एडमिट कार्ड बनाकर जरिये डाक उनके पते पर भेज देते थे। इसके बाद संबंधित विभाग के परिसर में अभ्यर्थियों को बुलाकर उनको झांसा देते हुये इस गैंग के सदस्य स्वयं साक्षात्कार लेते थे और इसके बाद इनका मेडिकल संबंधित विभाग या सेना के अस्पताल में कराते थे, जिससे कि अभ्यर्थियों को यह विश्वास हो जाये कि उनकी नौकरी सही प्रक्रिया के तहत हो रही है।  इसके बाद इन अभ्यर्थियों से 5 से 7 लाख रूपये लेकर इनके पते पर फर्जी ज्वाईनिंग लेटर व आईडी बनाकर भेज देते थे। इसके बाद इस गैंग के लोग रेलवे परिसर के पास किराये पर कमरा लेकर वहाँ इन अभ्यर्थियों को 2-3 माह का प्रशिक्षण कराते थे और इसके बाद अभ्यर्थियों के बैंक खाते में इन्हीं के पूर्व में लिये गये पैसे में से 3 माह तक 25-25 हजार रूपया वेतन के नाम पर भेजते थे। इससे इन अभ्यर्थियों को यह आभास होता था कि उनकी वास्तव में नौकरी मिल गयी है और ये अभ्यर्थी अपने परिचित अन्य अभ्यर्थियों को इनसे मिलवा देते थे। इस तरह से जब ठगी से काफी पैसा एकत्रित हो जाता था,
तब यह गायब हो जाते थे।


आउटसोर्सिंग के पदों पर भर्ती का लेता था ठेका


पूछताछ में गैंग सरगना अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि वह आर्मी, रेलवे, सिचाई विभाग आदि में आऊटसोर्सिंग के माध्यम से भरे जाने वाले पदों का टेण्डर लेने लगा। अभ्यर्थियों से भारी धन लेकर यहाँ पर रखवा देता था और यह भरोसा दिलाता था कि दो साल काम करने के बाद से यहाँ पर नियमित रूप से नौकरी लग जायेगी। जब काफी संख्या में अभ्यर्थी आने लगे तो ये लोग हैदराबाद, नई दिल्ली, कोलकता, भुवनेश्वर आदि जगहों पर अपनी आफिस खोलकर फर्जी तरीके से नौकरी लगवाने लगे। इस तरीके से इस गैंग ने करोड़ो रूपये कमाये। इनके पास से STF को डायरी भी बरामद हुई है, इसमें जिन अभ्यर्थियों के साथ ठगी की गयी है, उनका नाम पता और विवरण अंकित है। इसमें अंकित नाम और पता का सत्यापन एसटीएफ कर रही है।