10 साल से बदलती काशी का नेतृत्व PM मोदी कर रहे है, इसका श्रेय अधिवक्ता समुदाय को जाता है- CM योगी

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के पहले सीएम योगी आदित्यनाथ आज एक बार फिर पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे है. इस दौरान उन्होंने आयोजित अधिवक्ता सम्मेलन में अधिवक्ताओं से संवाद किया. सीएम योगी ने अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि, 7 साल में बदलते उत्तर प्रदेश और 10 साल से बदलती काशी आपने देखी है. इसका नेतृत्व पीएम मोदी कर रहे हैं, लेकिन इसका श्रेय काशीवासियों और अधिवक्ता समुदाय को जाता है. 

10 साल से बदलती काशी का नेतृत्व PM मोदी कर रहे है, इसका श्रेय अधिवक्ता समुदाय को जाता है- CM योगी

वाराणसी, भदैनी मिरर। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के पहले सीएम योगी आदित्यनाथ आज एक बार फिर पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे है. इस दौरान उन्होंने आयोजित अधिवक्ता सम्मेलन में अधिवक्ताओं से संवाद किया. सीएम योगी ने अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि, 7 साल में बदलते उत्तर प्रदेश और 10 साल से बदलती काशी आपने देखी है. इसका नेतृत्व पीएम मोदी कर रहे हैं, लेकिन इसका श्रेय काशीवासियों और अधिवक्ता समुदाय को जाता है.

सीएम ने कहा, आज दुनिया में कोई भी संकट आता है तो आशा भरी निगाह से भारत और मोदी जी की तरफ देखता है. आज देश की सीमाएं सुरक्षित हैं. अब सीमा पर आतंकवाद समाप्त हुआ है. काशी में सड़क से लेकर गलियों तक का विकास हुआ है. यह अपने आप में सबसे बड़ी सौगात है, जो दिखाता है कि हर प्रकार की कनेक्टिविटी का केंद्र काशी बना है.

सीएम योगी ने आगे कहा, एक गरीब से लेकर समाज के किसी भी तबके के व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए अधिवक्ता के प्रयास से लाखों लोगों को एक नया जीवन मिलता है. अधिवक्ता समुदाय समाज का एक प्रबुद्ध वर्ग माना जाता है। सीएम योगी ने कहा कि काशी का कोना-कोना 'अबकी बार-400 पार' के उद्घोष से गूंज रहा है. कहा कि देश के ज्वलंत समस्याओं से अधिवक्ता समुदाय कभी खुद को अलग नहीं किया. समस्याओं व परेशानियों व चुनौतियों से लड़ने के लिए हमेशा इस वर्ग ने प्रयास किया है. आजादी की लड़ाई के अग्रिम पंक्ति के सेनानी हमारा अधिवक्ता समुदाय था.

उन्होंने आगे कहादेश की आजादी के आंदोलन में भी अधिवक्ताओं का योगदान रहा है. इस वर्ग ने उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद भी प्रैक्टिस को साइड कर आजादी के आंदोलन में कूद पड़े थे. आजादी की लड़ाई में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से लेकर सरदार बल्लभ भाई पटेल, पं जवाहर लाल नेहरू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. भीम राव अंबेडकर कौन है जो अधिवक्ता न रहा हो, सबकी अपनी छाप थी. चौरी-चौरा के घटना में जब गोरखपुर के क्रांतिकारियों को फांसी दी गई थी, तो उनकी पैरवी करने के लिए कई घंटों तक खुद मालवीय जी खड़े रहे। उनमें से कई लोगों को फांसी के फंदे में जाने से बचाया.

सीएम ने कहा कि कानून के राज के लिए सुरक्षा सबसे पहली शर्त है. अधिवक्ता समुदाय विधायिका के द्वारा बनाए गए अधिनियम को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने का कार्य करता है. जब व्यक्ति अपनों से धोखा खाता है, अपनों से पीड़ित होता है तो चाहे वह परिवार का ही क्यों न सदस्य हो उसके खिलाफ अधिवक्ता पर भरोसा करके वह हस्ताक्षर करता है. पीड़ित को न्याय दिलाने की आपकी प्रतिबद्धता सराहनीय है. सदस्य एवं पूर्व चेयरमैन बार काउन्सिल ऑफ़ उत्तर प्रदेश, पूर्व अध्यक्ष हरिशंकर सिंह ने कहा कि सीएम योगी हमेशा अधिवक्ता के हित की बातें करते है. उनका अधिवक्ताओं से वार्ता करना एक सराहनीय कदम है. सीएम योगी को अधिवक्ताओं ने अशोक स्तंभ भेंट किया. दी सेन्ट्रल बार अध्यक्ष मुरलीधर सिंह, महामंत्री सुरेन्द्रनाथ पांडेय, बनारस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश सिंह, महामंत्री कमलेश यादव सहित शहर दक्षिणी से विधायक नीलकंठ तिवारी, राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल मौजूद रहे.