CM योगी का बड़ा एक्शन! बलिया के SP-ASP को हटाकर वेटिंग में डाला, सीओ-एसओ और चौकी इंचार्ज के संपत्ति के विजिलेंस जांच के आदेश...
एडीजी वाराणसी जोन पीयूष मोर्डिया और डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण द्वारा डीजीपी के निर्देश पर जींस-टीशर्ट में छापेमारी कर बलिया के नरही थाना और पुलिस चौकी कोरण्टाडीह द्वारा दलालों से अवैध बालू लदे ट्रकों से वसूली के बड़े सिंडिकेट का पर्दाफाश होने के बाद सीएम योगी एक्शन में आ गए है.
वाराणसी/लखनऊ। एडीजी वाराणसी जोन पीयूष मोर्डिया और डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण द्वारा डीजीपी के निर्देश पर जींस-टीशर्ट में छापेमारी कर बलिया के नरही थाना और पुलिस चौकी कोरण्टाडीह द्वारा दलालों से अवैध बालू लदे ट्रकों से वसूली के बड़े सिंडिकेट का पर्दाफाश होने के बाद सीएम योगी एक्शन में आ गए है. सीएम योगी ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत बलिया के पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा और एडिशनल एसपी दुर्गा तिवारी को हटाते हुए वेटिंग में डाल दिया है.
वहीं सीओ शुभ सुचित एसओ नरही पन्नेलाल, चौकी इंचार्ज राजेश कुमार प्रभाकर को निलंबित करते हुए उनकी संपत्तियों की विजिलेंस जांच के आदेश दिए है. सेनानायक 32वीं वाहिनी पीएसी विक्रांत वीर को बलिया का कप्तान बनाया गया है.
जाने क्या था पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद में बिहार बॉर्डर पर पड़ने वाले भरौली में वसूली का तगड़ा सिंडिकेट चल रहा था. हर रोज 1 हजार ट्रकों से 500 रुपए प्रति ट्रक की वसूली होती थी. हर रोज ₹ 5 लाख की वसूली थानाध्यक्ष नरही पन्नेलाल के दलाल करते थे. प्रति ट्रक ₹ 100 की भागीदारी भरौली पिकेट की सिपाहियों की भी थी, ताकि कोई किसी का विरोध न करे. दलालों को थानाध्यक्ष प्रत्येक माह वेतन देता था. यह खुलासा तब हुआ जब खुद एडीजी जोन वाराणसी पीयूष मोर्डिया और डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण की अगुवाई में उनके कार्यालयों में तैनात पुलिसकर्मियों की संयुक्त टीमें गठित कर एडीजी वाराणसी और डीआईजी आजमगढ़ की टीमों ने छापेमारी की.
पकड़ में आते ही सिपाही लगा रोने
घटना को लेकर डीआईजी आजमगढ़ कार्यालय में तैनात इंस्पेक्टर ने नरही थाने में प्राथमिकी दर्ज करवा दी है. एफआईआर के मुताबिक भरौली तिराहे पर टीम ने सिपाही हरिदयाल सिंह को जैसे ही रंगेहाथ पकड़ा वह फूट-फुटकर रोने लगा. उसने एसओ की कलंक कथा बता डाली. एसओ नरही और चौकी प्रभारी कोरंटाडीह की करतूत सुनकर दोनों अधिकारी (एडीजी और डीआईजी) दंग रह गए. सिपाही ने बताया कि थाना नरही के एसओ पन्नेलाल ही क्षेत्र में वसूली करवाते है. जिसमें थाने पर नियुक्त अधिकतर सिपाहियों की रोटेशन वार ड्यूटी लगती है. बताया कि भरौली तिराहे पर सिपाही वसूली प्राइवेट दलालों के माध्यम से ही करते है. ये प्राइवेट दलाल बालू लदे ट्रकों से प्रति ट्रकों से 500-500 सौ रूपये लेते है एवं प्रतिदिन रात्रि में करीब 1000 ट्रक भरौली तिराहे से फेफना, रसड़ा एवं गाजीपुर की तरफ निकलती है. दलाल प्रति ट्रक 100 रूपये पिकेट के सिपाहियों में बाट देते है और प्रति ट्रक 400 रूपया एसओ को दे देते है. थानाध्यक्ष इन दलालों को इसके एवज में मासिक भुगतान किया जाता है.
चौकी कोरण्टाडीह प्रभारी भी करते है वसूली
आरक्षी हरिदयाल सिंह से सख्ती से पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि जो ट्रक बक्सर से गाजीपुर की तरफ जाते है. उनको पुनः चौकी कोरण्टाडीह पर चौकी इंचार्ज एवं पुलिसकर्मियों द्वारा अवैध बालू लदे ट्रक चालकों से वसूली डरा धमका कर की जाती है. इस सूचना पर सत्यापित करने के लिए एडीजी वाराणसी और डीआईजी आजमगढ़ अपनी टीम के साथ ट्रक में सवार होकर चौकी कोरण्टाडीह पहुंचे. चौकी कोरण्टाडीह के सामने पहुंचते ही देखा कि दो व्यक्ति प्राइवेट कपड़े में ट्रको से वसूली कर रहे थे. एडीजी और डीआईजी जिस ट्रक में बैठे थे उस ट्रक से भी दोनो व्यक्तियों ने रोककर जबरदस्ती 500 रूपये की मांग की. यह देखते ही एडीजी और डीआईजी ट्रक से कूदकर पैसे वसूल रहे व्यक्ति को रगें हाथ पकड़ लिया. जिसका नाम सिपाही सतीश गुप्ता है और मौके से फरार व्यक्ति प्राइवेट फालवर है, जिसका नाम अशोक है वह चौकी पर ही रहता है. जो कि चौकी इंचार्ज द्वारा निजी कार्य हेतु रखा गया है. सख्ती से पूछने पर उक्त आरक्षी सतीश गुप्ता द्वारा बताया गया कि चौकी पर कुल 7 पुलिसकर्मी तैनात है. जिन सभी की बारी-बारी से ड्यूटी चौकी के सामने रोड पर निगरानी की होती है. ये सभी पुलिसकर्मी बारी-बारी से ट्रकों से पैसा वसूलते है. प्रत्येक ट्रक से 400 से 500 रूपये वसूल लेते है. उनमें से करीब 100 रूपया तक रख लेते है, बाकी 400 रूपये चौकी इंचार्ज राजेश कुमार प्रभाकर को दे देते है.
डीआईजी वैभव कृष्ण ने मीडिया को बताया कि नरहीं थानाध्यक्ष पन्ने लाल के साथ ही थाने की कोरंटाडीह पुलिस चौकी के प्रभारी समेत वहां तैनात सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. 37 हजार 500 रुपए नकद और 14 बाइक भी बरामद की गई है. बताया कि दो पुलिसकर्मियों और 17 दलालों को गिरफ्तार किया गया है. ये वसूली में पुलिस का सहयोग करते थे. तीन पुलिसकर्मी फरार हुए हैं. सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. थानाध्यक्ष नरही, चौकी प्रभारी कोरंटाडीह सहित सात पुलिसकर्मियों और कुल 23 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है.