मां-बेटी के डबल मर्डर में सूत्रधार था पड़ोसी: भदोही के दो सगे भाइयों ने उतारा था मौत के घाट, DGP ने दी पुलिस टीम को बधाई...

लंका थाने के नरिया इलाके में बंद मकान में मां और बेटी के हुए डबल मर्डर की मिस्ट्री आखिरकार पुलिस ने सुलझा ही ली. पड़ोसी इस ब्लाइंड केस का सूत्रधार निकला और भदोही के दो बदमाशों ने रेकी कर घटना को अंजाम दिया.

मां-बेटी के डबल मर्डर में सूत्रधार था पड़ोसी: भदोही के दो सगे भाइयों ने उतारा था मौत के घाट, DGP ने दी पुलिस टीम को बधाई...
घटना को अंजाम देने वाले सूत्रधार सहित तीन बदमाश पुलिस की गिरफ्त में।

वाराणसी, भदैनी मिरर। लंका थाने के नरिया इलाके में बंद मकान में मां सुनीता पांडेय (56) और बेटी दीपिका पांडेय (26) के हुए डबल मर्डर की मिस्ट्री आखिरकार पुलिस ने सुलझा ही ली. ब्लाइंड मर्डर की मिस्ट्री पुलिस ने 58 दिन बाद सुलझाते हुए घटना के सूत्रधार पड़ोसी विजय पाल सहित भदोही के सगे दो बदमाश भाई अमन और अतुल विश्वकर्मा को सरकार ढाबा और नरिया तिराहे से गिरफ्तार किया है. इनके पास से मां और बेटी दोनों के मोबाइल फोन सहित ज्वैलरी और कैश भी बरामद हुआ है. इस कामयाबी पर डीजीपी डीएस चौहान ने वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस को शाबाशी दी है.  

(मां बेटी को मौत की नींद सुलाने वाले सगे दो बदमाश अमन और अतुल विश्वकर्मा (बाएं से दाएं) )

रेकी कर दिया था घटना को अंजाम

बता दे, की घटना 3 जुलाई की रात को की गई थी, 13 जुलाई को नरिया स्थित बंद मकान में मां-बेटी के शव से बदबू आने पर घटना की जानकारी हुई थी. लेकिन यह घटना दिन बीतने के साथ ही पुलिस के लिए सिरदर्द बनती जा रही थी.  वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने व्यावसायिक दक्षता का परिचय देते हुए इसको केस को वर्क आउट किया है. पुलिस पूछताछ में दोनों हत्यारों ने बताया की तीन दिन तक बकायदा उन्होंने घर की रेकी की थी, फिर घटना वाले रात घर के पीछे वाले रास्ते से प्रवेश किया था. तीनों को कमिश्नरेट की लंका पुलिस कोर्ट में पेश करेगी. 

(पूरे घटना का सूत्रधार मृतक महिला का पड़ोसी विजय पाल)

पुलिस से 10 दिन आगे थे बदमाश

पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया की यह हत्या चोरी और लूट के इरादे से की गई थी. घर में बदमाशों के प्रवेश के बाद मां और बेटी ने विरोध किया था, जिसके बाद बदमाशों ने हथौड़ा और लोहे के रॉड से सर पर वार मौत के घाट उतार दिया था. सीपी ने बताया की एक आरोपी अमन पहले भी नागपुर महाराष्ट्र में हत्या कर चोरी के मामले में जेल जा चुका है. पुलिस कमिश्नर ने बताया की इस मामले में बदमाश 10 दिन आगे थे. 10 दिनों में सुराग भी नहीं बच पाते, सीसीटीवी कैमरे में कोई मदद नहीं मिल पाती. इस दौरान बदमाश के बाहर भागने का भी पूरा मौका होता है. कमिश्नरेट पुलिस ने धरातलीय और सर्विलांस की मदद से यह गिरफ्तारी की है.

गिरफ्तार करने वाली टीम

प्रभारी निरीक्षक लंका बृजेश कुमार सिंह, निरीक्षक सहजानन्द श्रीवास्तव, संकटमोचन चौकी प्रभारी रामरतन पाण्डेय, दरोगा प्रभाकर सिंह, दरोगा अनिल राजपूत, दरोगा श्री शिवाकर मिश्रा, हेड कांस्टेबल अजय कुमार, कांस्टेबल आशीष तिवारी, कांस्टेबल हृदय कुमार, कांस्टेबल सत्यदेव, कांस्टेबल प्रवीण यादव, कांस्टेबल अनिल यादव शामिल रहे.

 क्राइम ब्रांच से बृजेश मिश्रा, हेड कांस्टेबल जितेन्द्र सिंह, कांस्टेबल अमित कुमार शुक्ला, कांस्टेबल सूरज सिंह, कांस्टेबल सन्तोष यादव (सर्विलान्स) और कांस्टेबल दिवाकर वत्स (सर्विलान्स) शामिल रहे.

संबंधित खबर:डबल मर्डर! गुत्थी उलझी, पुलिस के हाथ 12 दिन बाद भी खाली, चौकी इंचार्ज के बाद इंस्पेक्टर पर गिरी गाज...