BHU अस्पताल के कैथ लैब में MS ने जड़ा ताला! ऑपरेशन न होने से मरीज परेशान: ओमशंकर
बीएचयू अस्पताल हमेशा अंदुरूनी राजनीति के चक्रव्यूह में फंसा रहता है. इस लड़ाई में यदि कोई परेशान होता है तो वह है मरीज और उसका तीमारदार. अब बीएचयू के आईएमएस कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष ओमशंकार ने चिकित्साधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए है.
वाराणसी,भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सर सुंदरलाल अस्पताल हमेशा से अंदरूनी राजनीति का शिकार होता रहा है. जिसके कारण हमेशा मरीजों को कष्ट झेलना पड़ता है. हमेशा से मरीजों के लिए बेहतर इलाज और सुविधा के लिए लड़ाई लड़ने वाले आईएमएस बीएचयू के कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर ओमशंकर ने अस्पताल के चिकित्साधीक्षक (MS) प्रोफेसर के.के. गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाए है. उन्होंने कहा की पुराने भवन का कैथ लैब खराब होने से ऑपरेशन नहीं हो पा रही है. शताब्दी सुपर स्पेशलिटी वार्ड में MS इसलिए ताला बंद कर दिए है ताकि हम पुराना बिल्डिंग छोडे.
केयर टेकर को निलंबित कर बैठाए जांच
कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष ओमशंकर ने कहा की जब मुख्य चिकित्साधीक्षक को पत्र लिखकर अवगत कराया की हम सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में जाने और मरीजों का ऑपरेशन करके जान बचाने के लिए हम तैयार है तो 16 जून को एमएस ने ताला खोलने की बात कह दी, लेकिन जब 17 जून को ताला खुलवाने पहुंचे तो केयर टेकर रंजीत ने खोलने का आदेश न होने की बात कहकर ताला नहीं खोला. ओमशंकर ने आरोप लगाया की केयर टेकर ने MS के आदेश का अवहेलना कर रहा है या खुद MS मरीजों के जान से खोलना चाहते है? केयर टेकर ने यदि बदमाशी की है तो उसको निलंबित कर विभागीय जांच बैठाई जाए. उन्होंने कहा कि यह एक तरह का आपराधिक कृत्य किया जा रहा है. कैथ लैब बंद होने से मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है और वो असमय मौत के गाल में समा जा रहे हैं.
हर दिन बढ़ते जा रहे हार्ट अटैक के मरीज
ओमशंकर ने कहा की जब हमने वर्ष 2011 में बीएचयू ज्वाइन किया तो उस समय तीन दिन ओपीडी चलती थी, अब सप्ताह के छह दिन चलती है. हर रोज 300 मरीज है. हर दिन हार्ट अटैक के मरीज बढ़ते जा रहे है. पुरानी बिल्डिंग में 30 बेड है और नए बिल्डिंग में मात्र 24 बेड. उन्होंने आरोप लगाया की यहां एक्सटेंशन ऑफ़ सर्विसेज की जगह रिप्लेसमेंट ऑफ़ सर्विसेज की जा रही है. हमको पहले से आवंटित 30 बेड को छोड़कर 24 बेड वाले बिल्डिंग में शिफ्ट करने के लिए दबाव डाला जा रहा है. कायदे से तो 30 प्लस 24 होना चाहिए था पर ऐसा नहीं है और बेड की कमी की वजह से हम मरीजों को एडमिट भी नहीं कर पा रहे हैं।
कैथ लैब में होते थे 10 से 15 ऑपरेशन
ओमशंकर ने बताया की नए कैथ लैब का उद्घाटन 24 मार्च को हुआ था. अभी उसमें ताला बंद है. पुरानी कैथलैब आउट ऑफ ऑर्डर होने से ऑपरेशन ठप है. एक दिन में 10 से 15 मरीजों का ऑपरेशन आसानी से कम खर्च में बेहतर उपचार के साथ हो जाता था. लेकिन ऑपरेशन बंद होने से गंभीर मरीजों को भी वापस भेजना पड़ रहा है. गंभीर मरीज या तो प्राइवेट अस्पतालों के हाथों में पड़कर आर्थिक बोझ झेलते हुए ऑपरेशन करवाए या बीएचयू में ऑपरेशन शुरु होने तक का इंतजार करें.