जानें कौन हैं दिनेश प्रताप सिंह, जिन्हें कांग्रेस के गढ़ रायबरेली से बीजेपी ने बनाया उम्मीदवार
भाजपा ने रायबरेली लोकसभा सीट से एक बार फिर दिनेश प्रताप सिंह को टिकट देकर भरोसा जताया है.
भाजपा ने रायबरेली लोकसभा सीट से एक बार फिर दिनेश प्रताप सिंह को टिकट देकर भरोसा जताया है. दिनेश प्रताप सिंह वर्तमान में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में मंत्री के रूप में कार्यरत हैं, बीते लोकसभा चुनाव 2019 में वो रायबरेली सीट पर सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़े थे. हालांकि, वह लगभग 1.6 लाख वोटों के अंतर से हार गए थे. इस हार के बावजूद बीजेपी ने उन्हें एमएलसी और मंत्री भी बनाया. अब वो दूसरी बार रायबरेली सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. वहीं चर्चा है कि इस सीट से प्रियंका गांधी चुनाव लड़ सकती हैं. हालांकि, अभी तक कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
दिनेश सिंह कांग्रेस में भी रह चुके हैं. साल 2010 में वो पहली बार एमएलसी चुने गए थे. इसके बाद दूसरे चुनाव में भी वो एमएलसी बने. हालांकि, साल 2018 में कांग्रेस का हाथ छोड़कर वो बीजेपी में शामिल हो गए. इसके बाद बीजेपी ने 2019 के चुनाव में रायबरेली से उन्हें टिकट दी. उनके सामने कांग्रेस की सोनिया गांधी थीं. इस चुनाव में सोनिया गांधी को 5.34 लाख वोट मिले, जबकि दिनेश को 3.67 लाख वोटों से ही संतोष करना पड़ा.
रायबरेली गांधी परिवार का गढ़
रायबरेली को गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है. ऐसे में बीजेपी उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह के लिए यहां बेहद मुश्किल चुनाव होने वाला है. इस सीट से कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लगातार पांच बार जीत दर्ज की है. रायबरेली महत्वपूर्ण राजनीतिक महत्व रखता है क्योंकि ये 1960 से कांग्रेस पार्टी का पारंपरिक गढ़ रहा है, जिसमें फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी जैसे दिग्गजों ने अतीत में इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है.