जुमे की नमाज से पहले जमीयत उलेमा की अपील नफरती तत्वों के बहकावें में न आए , शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का भी निर्देश जारी...

जुमे की नमाज से पहले जमीयत उलेमा ने अपील जारी की है. वही शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने भी मस्जिदों के मुतवल्लियों को निर्देश जारी किया है.

जुमे की नमाज से पहले जमीयत उलेमा की अपील नफरती तत्वों के बहकावें में न आए , शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का भी निर्देश जारी...

वाराणसी,भदैनी मिरर। जुमे की नमाज से पहले शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मुतवल्लियों, प्रबंध कमेटियों और प्रशासकों को निर्देश जारी किया है. कार्यवाहक प्रशासनिक अधिकारी हसन रजा रिजवी ने जारी निर्देश में कहा है की मस्जिदों में होने वाली पंजगाना नमाज और खास तौर से जुमे की नमाज में किसी भी तरह का खुतबा या तकरीर या कोई बयान ऐसा नहीं दिया जाएगा कि जिससे आपसी सौहार्द एवं शांति व्यवस्था बिगड़ने की संभावना हो. मस्जिदों में नमाज के अतिरिक्त किसी भी तरह के कोई जलसे के लिए भीड़ इकट्ठा नहीं की जाएगी.

लोकतांत्रिक तरीके से दर्ज कराएंगे विरोध

जमीयत उलमा पूर्वी उत्तर प्रदेश जनरल सेक्रेटरी हाफिज़ उबैदुल्लाह ने अपील करते हुए कहा है की इस समय हमारा देश बहुत ही विकट स्थिति से गुजर रहा है, सम्प्रदायिकता और नफरत का बाज़ार अपने चरम पर है. ऐसा लगता है कि कानून व्यवस्था लागू करने वाली एजेंसियां और अधिकारी कानून को लागू करने में और देशवासियों का विश्वास हासिल करने में विफल साबित हो रहे है.पीड़ितों की पुकार सुनने वाला कोई नहीं है. ऐसे में एक ज़िम्मेदार नागरिक के तौर पर हमारी भी कुछ ज़िम्मेदारियां हैं.

निश्चित रूप से एक मुसलमान का ईमान तब तक पूर्ण नहीं हो सकता जब तक कि उसके दिल में अपनी अपने माता पिता और अपनी औलाद से अधिक पैगम्बर स०अ०व० का प्यार न हो. हम अपने पैगम्बर की शान में गुस्ताखी हरगिज़ बर्दाश्त नहीं कर सकते, हम कानून के दायरे में लोकतांत्रिक तरीके पर अपना विरोध दर्ज कराऐंगे और इसके खिलाफ हर सम्भव कानूनी कार्रवाई भी करेंगे. इस सम्बंध जमीयत उलमा ए हिन्द की एक याचिका भी सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम सड़कों पर उतर जाएं और असमाजिक तत्वों के जाल में फंस जाएं.
हम अपने युवाओं से अपील करते हैं कि खुदा के लिए होश के नाखून लो, किसी के बहकावे में हरगिज़ मत आओ, आपका सड़कों पर उतरना सम्प्रदायिक शक्तियों की जीत है, वह इस इंतेज़ार में हैं कि आप सड़कों पर उतरें और वह अपने मकसद में कामयाब हो जाएं. नबी स०अ०व० से मुहब्बत का तकाज़ा यह है कि आप स०अ०व० की शिक्षाओं को अपनाया जाए. नबी स०अ०व० ने फरमाया: “ जो तुमसे रिश्ता तोड़े तुम उससे रिश्ता जोड़ो, जो तुम्हारे साथ जुल्म करे तुम उसको माफ करो, जो तुम्हारे साथ बुरा व्यवहार करे तुम उसके साथ अच्छा व्यवहार करो. याद रखो नफरत को कभी भी नफरत से नहीं मिटाया जा सकता. कुरान कहता है “जवाब दो उसके द्वारा जो उससे बेहतर हो फिर तुम देखोगे कि जिससे तुम्हारी दुश्मनी थी वह ऐसे हैं जैसे वह तुम्हारे सबसे अच्छे दोस्त हैं."

अंत में पुनः अपने युवाओं से अपील करता हूँ कि अपने जज़्बात पर कंट्रोल करें. यह नफरती तत्व केवल मुट्ठी भर हैं (जो किसी भी समाज में हो सकते हैं), हम उनके बहकावे में आकर अपने लिए, अपने घर वालों के लिए अपने देश और समाज के लिए परेशानी और अपमान का कारण न बनें. अपने बड़ों पर भरोसा करें और उनके बताए रास्तों पर चलें. अल्लाह की तरफ मुतवज्जह हों अपने गुनाहों से तौबा करें, नमाज़ बाजमाअत का एहतेमाम करें. रात लम्बी हो सकती है लेकिन सुबह भी इंशा अल्लाह ज़रूर होगी.