कोर्ट रूम से मुस्कुराते निकला लूट का आरोपी दरोगा: 20 लाख रुपए के लिए बनाई थी दोस्तों संग योजना, चेहरे पर नहीं अपराध बोध... 

आभूषण व्यापारी के 42.50 लाख रूपये लूट मामले में गिरफ्तार नदेसर चौकी प्रभारी सूर्य प्रकाश पांडेय के चेहरे पर गलती का बिल्कुल एहसास नहीं था.

कोर्ट रूम से मुस्कुराते निकला लूट का आरोपी दरोगा: 20 लाख रुपए के लिए बनाई थी दोस्तों संग योजना, चेहरे पर नहीं अपराध बोध... 

वाराणसी, भदैनी मिरर। आभूषण व्यापारी के 42.50 लाख रूपये लूट मामले में गिरफ्तार नदेसर चौकी प्रभारी सूर्य प्रकाश पांडेय के चेहरे पर गलती का बिल्कुल एहसास नहीं था. गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश होकर जब दरोगा बाहर निकला तो मुस्कुराता रहा. न तो वर्दी के दागदार करने की चिंता और न ही लूट जैसी घटना करने का शर्म. लूट के 42.50 लाख रुपए में दरोगा ने अपने पास 20 लाख रुपए रख लिए थे, बाकी के पैसों को अपने अन्य साथियों में बांट दिया था. फिलहाल दरोगा को निलंबित कर दिया गया है.

सीसीटीवी और सर्विलांस का रहा योगदान

लूट की घटना के करीब 17 दिन बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर रामनगर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद जब एडीसीपी क्राइम सरवणन टी. के नेतृत्व में एसओजी प्रभारी मनीष मिश्रा ने करीब 4500 नंबरों की कॉल डिटेल रिकार्ड (CDR) और 45 सीसी कैमरों की फुटेज खंगाला तो इस पूरे घटना पटापेक्ष हो पाया है. फिलहाल इन मामले में नदेसर चौकी इंचार्ज सूर्य प्रकाश पांडेय, चोलापुर थाना क्षेत्र के आयर बाजार के अहिरौली के विकास मिश्रा और आयर बाजार निवासी अजय गुप्ता जेल भेज दिए गए है. जबकि वांछित अन्य तीन आरोपियों मुकेश दुबे उर्फ हनी, निलेश यादव और योगेश पाठक उर्फ सोनू की गिरफ्तारी के लिए एसओजी टीम दबिश दे रही है. खास बात यह है कि फरार निलेश बड़ागांव ब्लॉक का बीडीसी बताया गया है.

बड़ागांव पोस्टिंग के दौरान हुई दोस्ती

पुलिस की पूछताछ में पता चला कि प्रयागराज के कर्नलगंज थाना क्षेत्र के शुक्ला मार्केट सलोरी निवासी सूर्य प्रकाश पांडेय की पहली पोस्टिंग बड़ागांव थाने में हुई थी. यही पर विकास मिश्रा और अजय गुप्ता से उसकी मुलाकात हुई थी. विकास पहले चौक के सुड़िया सराफा मंडी में काम करता था. उसे पता था कि मंडी में हवाला का कारोबार होता है. इसकी जानकारी उसने सूर्य प्रकाश पांडेय, अजय गुप्ता समेत अन्य साथियों को दी थी. सूर्य प्रकाश पांडेय के नदेसर चौकी प्रभारी बनने के बाद विकास मिश्रा, अजय गुप्ता ने रकम लूटने की योजना बनाई. विकास का सराफा मंडी के बड़े फर्म के कर्मचारियों के साथ उठना बैठना शुरू हो गया. पता लगाया कि हवाला की रकम किस फर्म से सबसे अधिक निकलती है. 22 जून को उसे पता चला कि सराफा व्यवसायी के दो कर्मचारी अविनाश और धनंजय 93 लाख नकद लेकर भुल्लनपुर से बस से कोलकाता जा रहे हैं.

सूचना पर विकास मिश्रा ने अजय को पिस्टल देकर बस में बिठाया. रात 11 बजे रामनगर थानाक्षेत्र के टेंगडा मोड़ के पास पहुंचते ही विकास ने बस रुकवाई. वर्दी में सूर्यप्रकाश पांडेय, विकास मिश्रा और एक व्यक्ति बस में सवार हुए और खुद को सैय्यदराजा थाने की क्राइम ब्रांच का अफसर बताते हुए अविनाश व धनंजय को बस से नीचे उतार लिया. बैग से रकम बरामद होने पर दोनों को चेकिंग और गिरफ्तारी की धमकी देकर बिना नंबर को चार पहिया कार में बिठाया. एक बैग से 42.50 लाख रुपये लेकर 50 लाख 50 हजार छोड़ दिए. इसके बाद दोनों को गुमराह करने के लिए अविनाश को रामनगर के पास चंदरखा और धनंजय को कटरिया बॉर्डर पर छोड़ा.