17 साल पुराने दीनू यादव हत्याकांड में सभी आरोपी दोषमुक्त, ठेकेदारी और वसूली को लेकर चली थी गोली...

17 वर्ष पूराने दशाश्वमेध थाना क्षेत्र में ठेकेदारी को लेकर हुए दीनू यादव की हत्या व एक अन्य पर जानलेवा हमले के मामले में सत्र न्यायाधीश डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मुख्य आरोपी राहुल यादव समेत पांच आरोपितों को अभियोजन द्वारा आरोप सिद्ध न कर पाने पर दोषमुक्त कर दिया.

17 साल पुराने दीनू यादव हत्याकांड में सभी आरोपी दोषमुक्त, ठेकेदारी और वसूली को लेकर चली थी गोली...

वाराणसी, भदैनी मिरर। 17 वर्ष पूराने दशाश्वमेध थाना क्षेत्र में ठेकेदारी को लेकर हुए दीनू यादव की हत्या व एक अन्य पर जानलेवा हमले के मामले में सत्र न्यायाधीश डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मुख्य आरोपी राहुल यादव समेत पांच आरोपितों को अभियोजन द्वारा आरोप सिद्ध न कर पाने पर दोषमुक्त कर दिया. अदालत ने जिन अन्य आरोपियों को बरी किया उनमें प्रिंस उर्फ ओंकार सिंह, पंकज प्रजापति, राजेश सोनकर और श्याम नारायण अग्रहरी शामिल है. अदालत में विचारण के दौरान दो अन्य आरोपी बबलू उर्फ देवेश पांडेय, कमल सिन्हा उर्फ कमल मुर्गा की मौत हो गई. अदालत में आरोपियों की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, बृजपाल सिंह यादव, कृष्णा यादव ईलू ने पक्ष रखा.

ठेकेदारी और वसूली को लेकर हुई थी हत्या


प्रकरण के अनुसार मामले के वादी नारायण ने 10 अप्रैल 2006 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी. आरोप था कि वह सुबह सवा 5 बजे अपने आवास से पैदल अगस्तकुंडा से दशाश्वमेध स्थित अपने दुकान मछली मंडी जा रहा था. जब वह खालिसपुरा में मृतक दीनू सरदार के घर के पास पहुंचा तो दो लड़के एक बाइक पर सवार होकर वहां पहुंचे और एक के कमर में पिस्टल थी और दूसरे ने अपने हाथ में लिए पिस्टल से उसके भाई राजू सोनकर को जान से मारने की नियत से उस पर फायर करने लगा. उसके भाई ने उसका हाथ पकड़ लिया, तभी बाइक सवार दूसरा युवक उसके भाई पर गोली चलाने लगा. जिससे उसके भाई के पेट व जांघ में गोली लग गई और वह वहीं गिर गया. उसी दौरान दीनू सरदार मौके पर आ गया और बदमाशों द्वारा चलाई जा रही गोली उसे भी लग गई. वह अपने घर जाकर गिर पड़ा. दोनों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां दीनू की मौत हो गई.

वादी ने तहरीर में कहा कि गोली चलाने वाले नई उम्र के थे. यह घटना ठेकों और वसूली को लेकर बबलू पाण्डेय, अमित सिंह व प्रिंस ने कराई है और उसने गोली चलाने वालों को देखा है. अदालत में अभियोजन की तरफ से कुल 10 गवाह पेश किए गए. अदालत ने विचारण के बाद कहा कि अभियोजन यह साबित करने में सफल नहीं हो पाया कि 9 अप्रैल की रात के समय कमल मुर्गा वाले के घर पर ठेकेदारी की रंजिश के कारण उन लोगों ने राजू सोनकर की हत्या करने का षडयंत्र किया और हत्या का समय निर्धारित किया. इसी षडयंत्र के तहत 10 अप्रैल 2006 की सुबह सवा 5 बजे आरोपी राहुल यादव  दो अन्य आरोपितों को निर्देश देकर हत्या करने के इरादे से गोली चलवाई. अदालत ने कहा कि हत्या के षडयंत्र के आरोप से ओंकार सिंह, पंकज प्रजापति, श्याम नारायण अग्रहरी और राजेश सोनकर को बरी किया जाता है. साथ ही राहुल यादव को आग्नेयास्त्र से फायर करके हत्या करने का आरोप साबित नहीं होने पर बरी किया जाता है.