किसानों आंदोलन के समर्थन में बिना अनुमति जा रहे थे प्रधानमंत्री संसदीय कार्यालय, पुलिस ने रोका तो दी  गिरफ्तारी...

किसानों आंदोलन के समर्थन में बिना अनुमति जा रहे थे प्रधानमंत्री संसदीय कार्यालय, पुलिस ने रोका तो दी  गिरफ्तारी...

वाराणसी, भदैनी मिरर। किसानों के आंदोलन की मांग को लेकर सरदार सेना के कार्यकर्ताओं ने हजारों की संख्या में सीरगोवर्धन से संसदीय कार्यालय को कूच किए तो प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। देशभक्ति गानों पर अपनी मांग की तख्तियां लेकर चल रहे किसानों की संख्या देखकर खुफिया विभाग ने जब अलर्ट किया तो जिला प्रशासन हरकत में आई। चंदौली सहित वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्र से आये पुरुष-महिला किसान अपने हाथों में एमएसपी गारंटी खरीदी कानून बनाने के मांग को लेकर तख्तियां लेकर चल रहे थे। सीरगोबर्धन से चले सैकड़ों की संख्या में लोग दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में  नारे लगा रहे थे। जैसे ही वह भगवानपुर मार्ग से ट्रामा सेंटर चारदीवारी के समीप पहुंचे प्रशासन ने उन्हें बैरिकेट कर रोक लिया। 


किसानों को गुलाम बनाना चाहती है मोदी सरकार


सरदार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरएस पटेल ने कहा कि मोदी सरकार देश की सभी सरकारी सम्पत्तियों को पूंजीपतियों के हाथ में बेचकर देश की जनता को गुलाम बनाना चाहती है। जिस तरह बीएसएनएल, एयरपोर्ट, रेलवे सहित तमाम सरकारी सम्पत्तियां बेच दी गयी, उसी प्रकार देश के किसानों के कृषि व्यवस्था को भी पूंजीपतियों के हाथ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के तहत किसानों को पंजीपतियों का गुलाम बनाना चाहती है। जब देश भर के किसान अपनी खेती बचाने के लिए आन्दोलनरत है तो उन्हें इनकी पार्टियों के नेताओं द्वारा अनर्गल बयान दिए जा रहे है। आखिर कब तक देश के भोली जनता को मोदी सरकार मूर्ख बनाती रहेगी।


हाईबोल्टेज ट्रामें से पुलिस हो गई असहज

पुलिस ने जब इनकी रैली को आगे बढ़ने से रोकने लगी तो धरने पर बैठे लोग पुलिस से वार्ता शुरु किये। अचानक संगठन के लोगों ने पुलिसकर्मियों के समर्थन  में ' पुलिस से नहीं लड़ाई है, पुलिस हमारा भाई है' नारेबाजी शुरु कर दिया। देखते ही देखते समझाबुझा रहे पुलिस अधिकारी तब असहज हो गए जब संगठन के लोगों ने पुलिसकर्मियों के पांव पड़ने लगे। पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका और ज्ञापन सौंपने की बात कही।


सैकड़ों की संख्या में दी गिरफ्तारी

एसपी सिटी विकास चन्द्र त्रिपाठी ने अपनी मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में संसदीय कार्यालय जा रहे डॉ. आरएस सिंह पटेल को रोका तो वही धरने पर बैठ गए। करीब तीन घण्टों तक जिला प्रशासन ने संगठन के लोगों से मान-मनौव्वल किया। संगठन के लोग एक ट्रैक की मांग कर रहे थे कि उन्हें संसदीय कार्यालय तक पहुंचाया जाए। एसपी सिटी ने मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट, एसीएम को भी बुलाया। बार-बार प्रशासन ने कोशिश किया कि मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंप दिया जाए, लेकिन जब संगठन के लोग नहीं माने तो पुलिस ने तीन बसों से सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन्स भेज दिया।


पुलिस का यह था तर्क

प्रशासन का तर्क था कि एक हुजूम में जा रहे लोगों ने पहले से कोई अनुमति नहीं ली थी। यदि पहले से अनुमति ली गई होती तो उसकी व्यवस्था करा ली जाती। संगठन के लोगों को पुलिस ने बताया कि जैसे ही आप लोग मेन रोड की तरफ जाएंगे, यातायात प्रभावित होगा। यातायात प्रभावित होने की वजह से इलाज कराने आ रहे मरीजों को असुविधा होगी। रविवार होने से संसदीय कार्यालय भी बन्द है, जो भी ज्ञापन हो आप यही मजिस्ट्रेट को सौंप दे। 


पांच थानों की फोर्स रही तैनात

पहले से बिना किसी सूचना के निकली रैली की खबर जैसे ही लगी हरकत में पुलिस आ गई। रैली में भारी संख्या में महिलाओं और पुरुषों की जानकारी होते ही एसपी सिटी विकास चन्द्र त्रिपाठी स्वतः नजाकत समझते हुए मौके पर पहुंचे। तत्काल मौके पर सीओ भेलूपुर, कोतवाली, चेतगंज सहित शहरभर के थानेदारों को बुलाया गया। साथ ही क्यूआरटी और महिला पुलिस फोर्स को लगाया गया।


 इनकी रही मुख्य उपस्थिति

इस दौरान सरदार सेना के राष्ट्रीय प्रचारक डॉ जगदीश्वर पटेल, राष्ट्रीय सचिव सुधीर सिंह,  एमपी के प्रभारी रामायण पटेल,  राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ अरविंद, संगठन मंत्री सुरेश वर्मा, जिला अध्यक्ष डॉ.आर के वर्मा , प्रभाकर वर्मा,  महेंद्र वर्मा , अशोक वर्मा,  अमन वर्मा,  रवि पटेल,  राजेश गौतम,  रामकेश माली,  दिनेश पटेल, प्रदेश सचिव दिनेश सिंह पटेल,  दिग्विजय, रोशन पटेल, गोविंद पटेल, अरशद खान, इकबाल अंसारी,  अरविंद मौर्या,  राजेश गौतम समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।