अप्राकृतिक दुष्कर्म का आरोप सिद्ध होने पर पति को दस वर्ष की कैद और ₹25 हजार के अर्थदंड की हुई सजा, निर्वस्त्र कर पीटने का भी लगा था आरोप...
पत्नी से अप्राकृतिक दुष्कर्म करने के आरोप में कोर्ट ने दस साल की कैद और ₹25 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है. पत्नी ने बंधक बनाकर अप्राकृतिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था.
वाराणसी, भदैनी मिरर। पत्नी से अप्राकृतिक दुष्कर्म के मामले में अदालत ने रहमतपुरा पुरानापुल सारनाथ निवासी शाबिर अली को दस वर्ष की कठोर कैद और ₹25 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है. अर्थदण्ड न देने पर अभियुक्त को एक वर्ष की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी. साथ ही अदालत ने अर्थदण्ड की राशि में से दो तिहाई धनराशि पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति के रूप में देने का आदेश दिया है. यह हुक्म अपर जिला जज (पंचम) मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद शुक्रवार शाम चार बजे सुनाई. अदालत में अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ओंकार नाथ तिवारी व वादिनी के अधिवक्ता रामचंद्र शुक्ल ने पक्ष रखा.
अभियोजन पक्ष के अनुसार पीड़िता ने 20 जुलाई 2017 को एसएसपी को प्रार्थनापत्र दिया था. आरोप था कि 13 मई 2017 को शाबिर अली के साथ उसका निकाह हुआ था. शादी के बाद जब वह ससुराल आई तो पता चला कि अभियुक्त पहले से ही तीन शादियाँ कर चुका है. जिसमें से पहली पत्नी की मौत हो चुकी है, जबकि दो अन्य उसके साथ ही रहती है. शादी के बाद से ही पति शाबिर अली व उसके भाई मुन्ना, अब्दुल कादिर, मोहम्मद सरीफ, सलाहुद्दीन व हनीफ मिलकर उसको दहेज़ के लिए निर्वस्त्र करके मारते-पीटते व प्रताड़ित करते है. इस दौरान उसका पति शाबिर अली उसका हाथ-पैर बांधकर उसके अप्राकृतिक दुष्कर्म करता है.
अदालत में अभियोजन की ओर से कुल नौ गवाह परीक्षित कराये गये. अदालत में गवाहों के बयान व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त को दोषी पाते हुए सजा सुना दी. वहीं अदालत ने अभियुक्त शाबिर अली समेत अन्य आरोपितों मुन्ना, अब्दुल कादिर, मोहम्मद सरीफ, सलाहुद्दीन व हनीफ को दहेज़ प्रताड़ना का आरोप सिद्ध न होने पर दोषमुक्त कर दिया.