खाते से ANYDESK डाउनलोड करवाकर लाखों उड़ाने वाला गैंगस्टर गिरफ्तार, अपने भांजे का मर्डर कर जरायम की दुनिया में लगातार है सक्रिय...
पुलिस पूछताछ में संदीप गौंड ने बताया की वह स्नातक तक पढ़ाई करने के बाद अपराध की दुनिया में वर्ष 2001 में ही आ गया था.
वाराणसी, भदैनी मिरर। जौनपुर के घनश्यामपुर बदलापुर निवासी विनोद यादव से ई.टी. मनी (एस.आई.पी.) के कस्टमरकेयर अधिकारी बनकर ANYDESK अप्लीकेशन डाउनलोड कराकर खाते और क्रेडिट कार्ड से करीब 5 लाख 20 हजार 516 रुपये की धोखाधड़ी करने वाले आरोपित गैंगस्टर संदीप गौंड निवासी पुरानी आबकारी तहसील प्रतापगढ़ को साइबर क्राइम थाना सारनाथ ने गिरफ्तार कर उसके पास भारी मात्रा में चेक, डेबिट क्रेडिट कार्ड बरामद किया है.
पुलिस पूछताछ में संदीप गौंड ने बताया की वह स्नातक तक पढ़ाई करने के बाद अपराध की दुनिया में वर्ष 2001 में ही आ गया था. वर्ष 2001 में गंभीर मारपीट, गाली गलौज में जेल गया था, उसके बाद वर्ष 2016 में अपने भांजे को मर्डर कर दिया था जिसमें वर्ष 2016 में थाना-
कृण्णानगर लखनऊ से गैगस्टर एक्ट में कार्यवाही हुई. तब से मै लगातार जरायम की दुनिया में रहकर अपराध के पैसे से प्रतापगढ़, लखनऊ, नोएडा, देवगढ़ आदि स्थानों पर रहकर अपराध कर रहा हूं.
जेल में मिले साइबर अपराधी
संदीप ने पुलिस को बताया की वर्ष 2019 में थाना बिसरख, गौतमबुद्ध नगर से धोखाधड़ी में जेल जाने के बाद गैगेस्टर एक्ट की कार्यवाही की गई थी, इसके बाद वर्ष 2020 में जनपद अयोध्या से चोरी व धोखाधड़ी में जेल गया था. इसके बाद वर्ष 2021 में थाना-देवघर टाउन से मै धोखाधड़ी के केस में देवघर जेल गया था यही पर मेरी मुलाकात अफजल अंसारी व सागीर अंसारी नाम के दो साइबर अपराधियों से मेरी मुलाकात हुई और फिर मै जेल से बाहर आने के बाद साइबर अपराध में पूरी तरह से लिप्त हो गया. बताया की साइबर अपराध सीखने के लिए व साइबर फ्राड कैसे किया जा रहा है इसके लिए देवघर, धनबाद, पश्चिम बंगाल, खुटी झारखण्ड आदि के साइबर अपराधियों से मिला तथा इस मुकदमे में साइबर फ्राड कॉलिंग करने के लिए अवैध तरीके से सिम प्राप्त करके अपने साथी अफजल को धनबाद में दिया था जिसका प्रयोग अफजल ने अपने साथी सागीर के माध्यम से देवघर से कॉलिंग करके साइबर अपराध किया.
बताया की अफजल द्वारा मुझे सिम दिया जाता है और मै विभिन्न लोगों बहला फुसलाकर पैसा आने के नाम पर विभिन्न बैंकों में खोता खुलवाता था और उन खातों में अपने सिम या अफजल, सागीर से प्राप्त सिम का नंबर को बैंक खातों में लिंक मोबाइल नंबर के रूप में डाल देता था और उसी नंबर से खातों में इंटरनेट बैंकिंग चालू करके
ट्राजेक्शन करता था. जिस व्यक्ति के नाम से खाता खुलवाता था उसे 5 से 10 हजार रूपये तक देता था और अफजल व सागीर किसी भी पीड़ित को फोन कर धोखे से उसके खाते का एक्सेस लेकर मेरे द्वारा खोले गये खाता में पैसा डलवाते थे जिसको मेरे द्वारा अथवा अफजल व सागीर द्वारा निकाला जाता था और आपस में बांट लिया जाता था. गिरफ्तार संदीप के ऊपर कुल 11 मुकदमें पंजीकृत है.