महिला दरोगा हुई बर्खास्त: 4 वर्ष पहले TTE से घुस लेने का है आरोप, विभागीय जांच में पाई गई दोषी...
Female Subinspector dismissed. There is an allegation of entering from TTE 4 years ago, Found guilty in departmental inquiry. कैंट स्टेशन पर तैनात टीटीई से दहेज उत्पीड़न के मामलें में बहन का नाम हटाने के एवज में रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ी गई थी। जिसके बाद उनके खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल हुए थे।
वाराणसी,भदैनी मिरर। कमिश्नरेट पुलिस ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। शादी का झांसा देकर महिला से दुष्कर्म करने वाले दरोगा अमित कुमार के बाद अब घूस लेने का आरोप जांच में सिद्ध होने पर अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय और अपराध) सुभाषचन्द्र दुबे ने उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा से महिला दरोगा गीता यादव को बर्खास्त करने का आदेश दे दिया है। महिला दरोगा द्वारा घुस लेने का यह मामला वर्ष 2017 से जुड़ा हुआ है।
TTE से घुस लेने का है मामला
गोरखपुर जिले के बांसगांव थाना के कौड़ीराम की रहने वाली दरोगा गीता वर्ष 2017 में वाराणसी के महिला थाने में तैनात थी। उस वक्त उन्हें भरलाई निवासी कैंट स्टेशन पर TTE के तैनात पर तैनात अभिषेक पाठक, उसकी माँ और बहन के खिलाफ दर्ज दहेज उत्पीड़न के मुकदमें की जांच मिली थी। 4 वर्ष 1 माह पूर्व वह गीता ने अभिषेक पाठक से मुकदमें में बहन का नाम हटाने के लिए 1 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी। किसी तरह से मामला 80 हजार में फिट हुआ। अभिषेक ने महिला दरोगा को 30 हजार रुपये दे भी दिए, मगर 50 हजार रुपये जल्द देने के लिए महिला दरोगा दबाव बनाते हुए घर आकर जेल भेजने की धमकी देने लगी। परेशान होकर अभिषेक ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क साधा और रंगेहाथ दबोचने की योजना बनाई। अभिषेक ने अपने भरलाई निवासी आवास पर पैसे देने के लिए 21 नवंबर को 2017 को जैसे ही अपने आवास बुलाया एंटी करप्शन की ट्रैप टीम ने गीता को पकड़ा। गीता को शिवपुर थाने ले जाकर मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही जेल भेज दिया था।
दरोगा पर लगे सभी आरोप सही मिले
फिलहाल इटावा जिले के सैफई थाने में तैनात गीता यादव के खिलाफ विवेचक ने 18 जनवरी 2018 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। इसके बाद विभागीय जांच में गीता यादव पर लगे सारे आरोप सही पाए जाने पर पुलिस विभाग की सेवा से पदच्युत (बर्खास्त) करने का आदेश पारित किया गया है। आदेश में लिखा गया है कि पुलिस विभाग एक अनुशासित संगठन है, ऐसे पुलिसकर्मियों के विभाग में बने रहने से समाज को गलत संदेश जाएगा। जिसके लिए ऐसे सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता जरूरी है। आदेश की एक प्रति इटावा पुलिस कप्तान को भी भेजी गई है।