वाराणसी : ई-रिक्शा के लिए जारी नए गाइडलाइन के खिलाफ चालकों की हड़ताल, यात्रियों को करना पड़ा दिक्कतोंं का सामना
प्रशासन के नए यातायात योजना के विरोध में काशी के टोटो चालकों का आमरण अनशन सोमवार को पांचवे दिन भी जारी रहा. इस दौरान सड़कों पर यूनियन के पद्ाधिकारियों ने जगह-जगह ई-रिक्शा सड़कों पर नहीं चलने दिया. इस हड़ताल के चलते शहर में ई-रिक्शा सेवा पूरी तरह से ठप हो गई, जिससे आम जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा
वाराणसी, भदैनी मिरर। प्रशासन के नए यातायात योजना के विरोध में काशी के टोटो चालकों का आमरण अनशन सोमवार को पांचवे दिन भी जारी रहा. इस दौरान सड़कों पर यूनियन के पद्ाधिकारियों ने जगह-जगह ई-रिक्शा सड़कों पर नहीं चलने दिया. इस हड़ताल के चलते शहर में ई-रिक्शा सेवा पूरी तरह से ठप हो गई, जिससे आम जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. हालांकि, ऑटो और बस जैसी अन्य सेवाएं जारी रहने से लोगों को थोड़ी राहत मिली. टोटो चालकों का यह हड़ताल मंगलवार को भी जारी रहेगी.
अखिल भारतीय टोटो यूनियन के अध्यक्ष प्रवीण काशी ने कहा कि हम पांच दिनों से अनशन कर रहे हैं, लेकिन यातायात विभाग या किसी अधिकारी ने हमारी बात नहीं सुनी। इसी कारण हमने दो दिवसीय हड़ताल का निर्णय लिया है। अगर हमारी मांगों को अनसुना किया गया, तो मंगलवार को हम प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर अपने ई-रिक्शा की चाबियाँ सौंपकर विरोध जताएंगे, क्योंकि प्रधानमंत्री ने ही 2016 में इस योजना की शुरुआत की थी, जिसमें टोटो का संचालन भी शामिल था.
प्रवीण काशी ने बताया कि यूनियन ने निर्णय लिया है कि कोई भी टोटो चालक प्रशासन द्वारा लागू बारकोड या एरिया बंटवारे का समर्थन नहीं करेगा. 9 और 10 तारीख को टोटो चालकों का पूर्ण रूप से हड़ताल होगा, और बनारस में कोई भी टोटो नहीं चलेगा. अगर किसी चालक ने गलती से या दबाव में बारकोड लगवा लिया, तो उसे एक ही इलाके में सीमित कर दिया जाएगा, जिससे उसकी कमाई पर बुरा असर पड़ेगा.
उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन केवल टोटो चालकों को ही बाधित कर रहा है, जबकि ऑटो चालकों की संख्या ज्यादा होने के बावजूद उन्हें स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जा रहा है. गरीब टोटो चालकों ने बड़ी मुश्किल से गाड़ियाँ खरीदी हैं, और अब प्रशासन उन्हें बाधित करने की कोशिश कर रहा है, जिसे हम किसी भी हालत में सफल नहीं होने देंगे.