कॉल स्पूफिंग से जनता को शिकार बना रहे साइबर ठग, जानिये क्या है कॉल स्पूफिंग और इसके बचाव...

साइबर ठग इन दिनों कॉल स्पूफिंग को अपना हथियार बनाकर जनता से लेकर सेलिब्रेटी तक को अपना शिकार बना रहे है. जाने क्या है कॉल स्पूफिंग और इसके बचाव.

कॉल स्पूफिंग से जनता को शिकार बना रहे साइबर ठग, जानिये क्या है कॉल स्पूफिंग और इसके बचाव...

अरशद आलम

वाराणसी, भदैनी मिरर। साइबर ठग लोगों को लूटने के लिए हर दिन नए-नए तरीके ईजाद करते रहते हैं. नये नये तरीको से आपको लूटने की फिराक में रहते हैं. कॉल स्पूफिंग भी ऐसी ही विधा हैं जिसके जरिये सायबर ठग लाखों लोगों को लूट चुके हैं और सावधान ना रहने पर किसी दिन आपको भी चूना लग सकता है. कई ऐसी घटनाएं सामने आईं हैं जब दिग्गज हस्तियां भी स्पूफ कॉलिंग का शिकार हुई हैं. बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेसेज में शुमार जैकलिन फर्नांडीज भी स्पूफ कॉल का शिकार हो चुकी हैं.

साइबर अपराधियों के लिए स्पूफ कॉलिंग एक नया अस्त्र बन गया है. सायबर अपराधी किसी भी  मोबाइल नंबर से कॉल कर आपको लूट सकते हैं. स्पूफ कॉलिंग के मास्टर माइंड ऐसा जाल बिछाते हैं कि ठगे जाने वाले शख्स को जरा भी भनक नहीं लगती कि वह जालसाजों का शिकार बन चुका है. साइबर अपराधी अमेरिका में स्पूफ कॉल के जरिए 57 हजार करोड़ के बिटकॉइन चुरा चुके हैं. भारत में भी ऐसे कई मामले सामने आए जब किसी शख्स को उसके दोस्त के फोन नंबर से स्पूफ कॉल कर ठगों ने लाखों लूट लिए हों.

साइबर क्राइम अंडरवर्ल्ड का नया रूप है. सरकार इसे रोकने के लिए एक तरीका निकालती है तो साइबर अपराधी लोगों को ठगने का नया अस्त्र ढूंढ लेते हैं. ऐसा ही एक नया अस्त्र है स्पूफ कॉल. स्पूफ कॉल के जरिए साइबर अपराधियों ने बिटकॉइन रखने वाले लोगों को निशाना बना कर साल 2021 के अंत तक 770 करोड़ डॉलर चुरा लिए. भारतीय रुपयों में इसकी कीमत 57 हज़ार करोड़ है.

क्या है कॉल स्पूफिंग

ऐसे फोन कॉल को स्पूफ कॉल कहा जाता है जिसमें अपराधी जिसे कॉल करता है उस रिसीवर के फोन में जो नंबर दिखता है, उसे अपराधी तय करता है. कोई भी अपराधी किसी को खुद उस व्यक्ति के किसी रिश्तेदार के नंबर से कॉल कर सकता है, किसी दोस्त के नंबर से कॉल कर सकता है या फिर किसी सेलिब्रिटी के नंबर से भी कॉल कर सकता है. वह भी तब जब अपराधी के पास वो मोबाइल नंबर हो भी ना. यह खतरनाक इसलिए भी है क्योंकि अपराधी आपके नंबर से कॉल करके किसी व्यक्ति को भी ठग सकते हैं. पीड़ित को लगेगा कि फोन आपने किया है.

स्पूफ कॉलिंग के लिए ऐसे कई ऐप आते हैं जिसके जरिए स्पूफ किया जा सकता है. इसमें होता ये है कि उस ऐप में आप जिसका मोबाइल नंबर और नाम डालेंगे वही नाम और नंबर कॉल रिसीव करने वाले को दिखेगा. दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद शातिर ठग सुकेश चंद्रशेखर भी यही करता था. उस ठग ने भी इसी स्पूफ कॉल के जरिए बॉलीवुड अभिनेत्रियों से लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के एक केस में जेल में बंद बड़े बिजनेसमैन की पत्नी को ठगा था. सुकेश चंद्रशेखर ने बिजनेसमैन की पत्नी को देश के गृहसचिव के नंबर से कॉल किया था और करोड़ों ठगे थे.

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गरीब जनता से लेकर पुलिस तक हुए शिकार

स्पूफ कॉल के जरिए सिर्फ अमीर ही नहीं बल्कि गरीब जनता भी ठगी जाती है. आपको आपके किसी दोस्त के नंबर से कॉल आया और अपराधी ने दोस्त बन कर कहा 20 हज़ार रुपये मेरे खाते में डाल दो इमरजेंसी है, अब नंबर दोस्त का है तो आपको सच लगा. 20 हज़ार डालने के बाद दोस्त से पूछा तो पता चला दोस्त ने कॉल किया ही नहीं था. अब आप थाने लेकर साइबर सेल का चक्कर काटते रहिये, कुछ वर्ष पूर्व पश्चिम यूपी के कई जिलों में थानेदारों को डीआईजी/एसएसपी के नबंर से इसी कॉल स्पूफ़िंग तकनीक के जरिये काल आतें थे और कई थानेदारों को भी लाखों का चूना लग गया था.

कैसे ध्वस्त हो स्पूफ कॉलिंग का नेटवर्क ?

साइबर अपराधियों के नए अस्त्र कॉलिंग स्पूफ को ध्वस्त करना बेहद मुश्किल है. ऐसे फोन कॉल्स के ऑर्गेनाइजेशन का पता लगाना बेहद मुश्किल है. इंटरनेट पर कई वेबसाइट ऐसी हैं जो चंद पैसों के लिए स्पूफ कॉल की सुविधा देती हैं. उन्हें बैन करने की जरूरत है.

कॉल स्पूफिंग से ऐसे करें बचाव?

आपका कोई अपना दोस्त/रिश्तेदार/अधिकारी/बॉस भी अगर आपको कॉल करे और किसी भी कारण पैसे मांगे और अगर आपको आवाज जरा भी अलग लगे तो काल काट कर उनके नम्बर पर वापस कॉल करके वेरिफाई करने के बाद ही पैसे का लेन देन करें. अगर आपके साथ साइबर फ्रॉड हो ही जाता है तो तुरंत साइबर सेल के पास शिकायत दर्ज करवाएं. साइबर फ्रॉड होने पर आप गृह मंत्रालय के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल cybercrime.gov.in पर भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. 1930 या 155260 पर कॉल करके तत्काल अपने साथ हुई ठगी की सूचना दें.