पुलिस के फाइनल रिपोर्ट निरस्त कर कोर्ट ने दिया धोखाधड़ी के मामले में अग्रिम विवेचना का आदेश...

। एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र का वाराणसी जनपद से प्रकाशन करने के नाम पर धोखाधड़ी करते हुए 96 लाख रुपए हड़पने के मामले में अदालत ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट निरस्त कर दी.

पुलिस के फाइनल रिपोर्ट निरस्त कर कोर्ट ने दिया धोखाधड़ी के मामले में अग्रिम विवेचना का आदेश...

वाराणसी। एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र का वाराणसी जनपद से प्रकाशन करने के नाम पर धोखाधड़ी करते हुए 96 लाख रुपए हड़पने के मामले में अदालत ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट निरस्त कर दी. अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (तृतीय) पवन कुमार सिंह की अदालत ने इस मामले में लंका थानाध्यक्ष को मामले की अग्रिम विवेचना करने का आदेश दिया है. अदालत ने यह आदेश वादी मुकदमा डा. वरुण उपाध्याय द्वारा अपने अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव व चंद्रबली पटेल की ओर से दिए गए प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद दिया.

प्रकरण के अनुसार नेवादा, सुंदरपुर (लंका) निवासी डा. वरुण उपाध्याय ने लंका थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. आरोप था कि उसने एक प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक समाचार पत्र का प्रकाशन अधिकार प्राप्त करने के नाम पर लल्लन कुमार मिश्रा व दीपक द्विवेदी के कहने व उन पर विश्वास करके समाचार पत्र के खाते में 96 लाख रुपए जमा कर दिया. बाद में उसे पता चला कि उन लोगों को मुद्रण व प्रकाशन किसी को देने का अधिकार ही प्राप्त नहीं है. जिसके बाद तहरीर पर लंका थाने में धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर तत्कालीन विवेचक सूरज तिवारी आरोप पत्र प्रेषित किया गया. बाद में तत्कालीन क्षेत्राधिकारी भेलूपुर के निर्देश पर इस मामले की पुनः विवेचना द्वितीय विवेचक निरीक्षक अपराध मोहित यादव द्वारा की गई तो उन्होंने भी पूर्व विवेचक द्वारा किए गए विवेचना व आरोप पत्र को सही पाते हुए दोनों आरोपितों लल्लन कुमार मिश्रा व दीपक द्विवेदी के खिलाफ आरोप पत्र प्रेषित कर दिया. लेकिन पुनः तत्कालीन एसीपी भेलूपुर के आदेश पर इस मामले की अग्रिम विवेचना निरीक्षक दिनेश कुमार यादव को सौंपी गई. जिन्होंने विवेचना के बाद दोनों आरोपितों को क्लीन चिट देते हुए फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में प्रेषित कर दी.

अदालत में वादी के अधिवक्ता अनुज यादव ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट के खिलाफ प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए अदालत से पुलिस की फाइनल रिपोर्ट निरस्त कर इस मामले में अग्रिम विवेचना कराए जाने का अनुरोध किया. अदालत ने प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए पुलिस की फाइनल रिपोर्ट निरस्त करने का आदेश दिया. साथ ही इस मामले में लंका थानाध्यक्ष को अग्रिम विवेचना करने का आदेश दिया.