विश्व हिंदू सेना प्रमुख अरुण पाठक की गिरफ्तारी पर लगी रोक, हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों को किया तलब...
हाईकोर्ट ने आज विश्व हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण पाठक के अर्जी पर सुनवाई की। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
वाराणसी, भदैनी मिरर। हाईकोर्ट ने आज विश्व हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण पाठक के अर्जी पर सुनवाई की। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही कुर्की की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए सम्बंधित सभी पुलिसकर्मियों को तलब किया है। ज्ञात रहे इसके पूर्व वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट ने पिछले सप्ताह महंत बालक दास और महंत संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा को जमानत दी थी। मामला सात साल पुरानी अन्याय प्रतिकार यात्रा के दौरान उपद्रव से जुड़ा है। इस मामले में फरार घोषित अरुण पाठक ने हाईकोर्ट में अपील पत्र डाला थी।
बतादें, उस समय अरुण पाठक शिवसेना से जुड़े थे। महाराष्ट्र में शिवसेना ने जब कांग्रेस से गठबंधन कर लिया तभी उन्होंने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया था। उसके बाद अरुण पाठक ने विश्व हिन्दू सेना की स्थापना की। कुछ वर्ष पहले नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली द्वारा प्रभु श्रीराम को लेकर विवादित टिप्पणी करने पर हिन्दूवादी नेता अरुण पाठक के कार्यकर्ताओं ने विश्व हिन्दू सेना के बैनर तले एक नेपाली युवक का सिर मुंडवाकर जयश्रीराम का नारा लगाते हुए नाटक मंच किया गया था। तभी से इस संगठन की देशभर में चर्चा हो गई थी। उल्लेखनी है कि काशी की गंगा में गणेश प्रतिमा के विसर्जन पर अड़े लोगों पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 5 अक्टूबर, 2015 को मैदागिन के टाउनहाल से गोदौलिया तक अन्याय प्रतिकार यात्रा निकाली थी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के आगे-आगे भी एक जत्था चल रहा था। इसी दौरान शाम लगभग चार बजकर 30 मिनट पर गोदौलिया चौराहे पर खड़ा एक सांड़ भड़क गया और गिरजाघर चौराहे की ओर भागा। इसके बाद वहां भगदड़ मच गई। भगदड़ देख चौक से गोदौलिया की ओर बढ़ रही अन्याय प्रतिकार यात्रा में शामिल लोग भी भागने लगे। उन्हें लगा कि पुलिस ने यात्रा रोकी है और लाठीचार्ज कर दिया है। उसी बीच मौका पाकर उपद्रवियों ने पहले पुलिस बूथ फिर एक सरकारी जीप में आग लगा दी। बूथ में लगी आग इतनी भयावह थी कि उसकी लपटों ने ठीक पीछे तांगा स्टैंड को भी अपनी चपेट में ले लिया। इसमें एक मजिस्ट्रेट की जीप, फायर ब्रिगेड की गाड़ी व पुलिस की वैन और लगभग दो दर्जन बाइक आग के हवाले कर दी गईं।
दशाश्वमेध थाने में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, सतुआ बाबा आश्रम के महंत संतोष दास, पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास, पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता अजय राय, हिन्दूवादी नेता अरुण पाठक, मंडुवाडीह थाने के हिस्ट्रीशीटर पंकज सिंह उर्फ डब्ल्यू राय, अजय चौबे, अमरनाथ यादव उर्फ डब्बल और असित दास समेत अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।