प्रतिष्ठित कोचिंग के MD और पूर्व जिपंअ के पति की अग्रिम जमानत की अर्जी ख़ारिज, जमीन प्लॉटिंग के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप...
सत्र न्यायाधीश डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने दुर्गाकुंड ब्रम्हानंद स्थित IIT-NEET की तैयारी कराने वाले प्रतिष्ठित कोचिंग के एमडी धर्मेंद्र सिंह और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के पति वीरेंद्र सिंह की अग्रिम जमानत खारिज कर दी है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। सत्र न्यायाधीश डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने दुर्गाकुंड ब्रम्हानंद स्थित IIT-NEET की तैयारी कराने वाले प्रतिष्ठित कोचिंग के एमडी धर्मेंद्र सिंह और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के पति वीरेंद्र सिंह की अग्रिम जमानत खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्लाटिंग के नाम पर 3 करोड़ 42 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले को गंभीर अपराध की श्रेणी का माना है. अदालत में अग्रिम जमानत दिए जाने का विरोध सुकलपुरा भेलूपुर निवासी वादी जितेंद्र यादव के अधिवक्ता अनुज यादव व नरेश यादव ने किया।
प्रकरण के मुताबिक वादी जेएस काशी इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रोपराइटर रहा, चितईपुर निवासी आरोपियों ने ओम शिवम इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड नाम से वादी से टाउनशिप राधिका साउथ सिटी विशेषरपुर नरायनपुर में विकसित कर प्लाट बिक्री करने का समझौता किया, इस मद में 3 करोड़ 42 लाख निवेशकों से लेकर प्लॉट बुकिंग की गई, समझौते के मुताबिक वादी का 95 लाख 85 हजार कमीशन बना, आरोपियों ने इस धनराशि में से वादी को 31 लाख 50 हजार दिया और 64 लाख 33 हजार देने से इनकार कर दिया वादी ने समझौते के समय भी 15 लाख रुपया दिया था। 11 दिसंबर 2017 को वादी अपने घर सुकलपुरा से दिन में एक बजे निकला तभी आरोपियों ने 4-5 लोगो के साथ वादी को जबरदस्ती रोक लिया, गालियां देने के साथ जान से मारने की धमकी दी, कमीशन का पैसा और निवेशकों को प्लाट देने से इनकार कर दिया.
वादी ने इस घटना के बाद समझौते के विपरीत विश्वासघात करने के साथ अन्य धाराओं में आरोपी कोचिंग संचालको समेत अन्य के खिलाफ भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया. अदालत में आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र आने के बाद जमानती वारंट जारी होने पर अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की. जिसे अदालत ने गम्भीर अपराध मानते हुए खारिज कर दिया. आरोपी वीरेंद्र पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुचिता पटेल का पति और धर्मेंद्र प्रतिष्ठित कोचिंग का प्रबन्ध निदेशक बताया गया है।