वाराणसी चिटफंड ऑफिस के बाबू को एंटी करप्शन टीम ने रंगेहाथ पकड़ा, दफ्तर में हड़कंप
हुकुलगंज स्थित फर्म सोसाइटीज चिट्स एंड फंड के कार्यालय में एंटी करप्शन की टीम ने लिपिक अरविंद कुमार गुप्ता को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया. इसके बाद लिपिक को एंटी करप्शन की टीम गिरफ्तार कर लालपुर थाने ले गई
वाराणसी, भदैनी मिरर। हुकुलगंज स्थित फर्म सोसाइटीज चिट्स एंड फंड के कार्यालय में एंटी करप्शन की टीम ने लिपिक अरविंद कुमार गुप्ता को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया. लिपिक ने संगठनों के रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल के लिए 4-4 हजार रुपये की मांग की थी, संगठन अध्यक्षों ने जब पैसा दिया तभी टीम ने आरोपी लिपिक ने उसे पकड़ लिया.
इसके बाद लिपिक को एंटी करप्शन की टीम गिरफ्तार कर लालपुर थाने ले गई. जहां टीम इंचार्ज की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है.पुलिस कल आरोपी को विशेष कोर्ट में पेश करेगी, जहां से उसे जेल भेजा जाएगा.
प्रबोधिनी फाउंडेशन के संयुक्त सचिव डॉ संजय सिंह गौतम ने अपनी संस्था का पंजीकरण रिन्यूअल के लिए आवेदन किया था. 22 जुलाई 2024 को ऑनलाइन फीस जमा की और दस्तावेजों की एक प्रति कार्यालय में जमा कर दी. संगठन के नवीनीकरण के लिए कार्यालय की ओर से हर फाइल पर 4 हजार रुपये मांगे गए.
पदाधिकारियों ने रिन्यूअल सर्टिफिकेट देने के नाम पर चार हजार रुपये देने का विरोध किया. कार्यालय लिपिक अरविंद गुप्ता ने बिना रुपए सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया.
एंटी करप्शन आफिस में की शिकायत
10 सितंबर डॉ संजय सिंह गौतम ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन कार्यालय पहुंचकर मामले की जानकारी दी. टीम को बताया कि संगठन के रिन्यूअल की सारी प्रक्रिया पूरी कर दी गई है, फीस भी जमा है अब आफिस को सर्टिफिकेट जारी करना है.
टीम ने संजय सिंह की बात सुनने के बाद इंस्पेक्टर उमाशंकर यादव ने घूसखोर लिपिक को दबोचने की रणनीति बनाई. उन्होंने संजय सिंह के चार हजार रुपयों में गुलाबी रंग लगाया और वही नोट देने के लिए के लिए कहा.
टीम 12.30 बजे एंटी करप्शन टीम सहायक कार्यालय निबंधक फर्म सोसाइटीज व चिट्स हुकुलगंज पहुंची. टीम के कई लोग बाहर खड़े रहे और एक सिपाही अंदर साथ डा. संजय सिंह ने लिपिक अरविंद को रुपये थमाए, तभी टीम ने रंगे हाथ दबोच लिया.
वहीं कार्यालय में अचानक पड़े छापे से वहां मौजूद लोग हैरान हो गए. वहां अपने कार्य से आए लोगो का कहना था कि उन्हें बेवजह दौड़ाया जाता है. छोटे से काम के लिए भी दो-तीन दिन चक्कर लगाना पड़ता है. वहीं किसी काम से आए पूर्व सभासद शम्भू नाथ बाटूल ने कहा कि बाजिव काम के लिए वो पिछले तीन दिनों से लगातार यहां का चक्कर काट रहे है लेकिन उनका काम नहीं हो रहा है, यहां कोई सीधे मुंह बात नहीं करता.
बता दें कि फर्म सोसाइटीज एवं चिट्स फंड कार्यालय में सुविधा शुल्क यानी चढ़ावा लिए जाने की पुरानी रवायत है। इसी रवायत के खिलाड़ी रहे अरविंद कुमार गुप्ता आज एंटी करप्शन के हत्थे चढ़ गए.