धर्म के साथ राष्ट्रीयता की भावना भी जरुरी: स्वामी प्रखर जी महाराज

Along with religion the feeling of nationalism is also necessary ​​Swami Prakhar Ji Maharajधर्म के साथ राष्ट्रीयता की भावना भी जरुरी: स्वामी प्रखर जी महाराज

धर्म के साथ राष्ट्रीयता की भावना भी जरुरी: स्वामी प्रखर जी महाराज

एकजुट रहकर भारतवासी निभाएं राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी

वाराणसी,भदैनी मिरर। गणतंत्र का शाब्दिक अर्थ ही होता है जनता का तंत्र या शासन।हमारा देश भारत भी एक गणतांत्रिक देश है। जहाँ जनता के मत के अनुसार शासक का चुनाव किया जाता है। उन्होंने बताया की आज सम्पूर्ण भारत देश अपने संविधान लागू करने को लेकर 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। हम सभी भारतवासियों को एकजुट रहकर राष्ट्र के निर्माण के लिए अपनी भागीदारी दिखानी चाहिए सभी देशवासियों को धर्म से जुड़े रहने के साथ अपने अंदर राष्ट्रीयता की भावना भी होनी चाहिए,जिससे भारत देश न केवल विश्वगुरु बनेगा साथ ही अपनी संस्कृति को चहुंओर फैलाएगा। उक्त बातें 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर संकुलधारा पोखरा स्थित द्वारिकाधीश मंदिर में महामंडलेश्वर स्वामी श्री प्रखर जी महाराज ने कही। 

इससे पूर्व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्वामी श्री प्रखर जी महाराज के सानिध्य में स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज,आत्म बोधप्रकाश ब्रह्मचारी मां चिदानंदमयी के सहित अन्य आचार्यों ने ध्वजारोहण किया। इसके साथ भारत माता की जय,देश के शहीदों के जयकारों के साथ राष्ट्रगान को ब्राह्मणों द्वारा एक स्वर में गाया गया। जिससे पूरे वातावरण में भक्ति के साथ साथ देशभक्ति बयार बहने लगी।


 
वहीं मंदिर में आयोजित 51 दिवसीय विराट श्री लक्षचण्डी महायज्ञ की श्रृंखला में महायज्ञ के नौवें दिन बुधवार को प्रातःकाल गणपति पूजन, के पश्चात यज्ञशाला में विराजमान भगवान के प्रतिरूप के वैदिक विधि विधान द्वारा दुर्गाशप्तशती के पूजन अर्चन हुए। साथ ही 300 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा शंकुलधारा पोखरे में जे टी पर बैठकर प्रातःकालीन संध्यावंदन के उपरांत दुर्गाशप्तशती पाठ का वाचन हुआ। मुख्य आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में सुनील दीक्षित सहित अन्य आचार्यों ने मुख्य यजमानों द्वारा दैनिक पूजन अर्चन के बाद महायज्ञ में दुर्गाशप्तशती के श्लोकों से आहुतियां दिलवायीं। 

यज्ञ स्थल पर पहुंचे स्वामी रामकमल वेदांती जी महाराज ने यज्ञशाला की परिक्रमा कर मां दुर्गा का आशीर्वाद लिया। 
सायंकालीन महाआरती में आचार्य गौरव शास्त्री, आत्मबोधप्रकाश ब्रह्मचारी, काशी यज्ञ समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार खेमका, सचिव संजय अग्रवाल डॉ सुनील मिश्रा, रवि प्रताप, राजेश अग्रवाल चंदन सिंह,गोलू सिंह,अमित पसारी ,दिशा पसारी ,तनीषा अरोड़ा ,गौरव तिवारी, अंकित अग्निहोत्री, कुलदीप तिवारी सहित दर्जनों भक्तों ने उपस्थित होकर भगवती से आशीर्वाद लिया।