पेपर लीक मामले में सुभासपा MLA के वायरल वीडियो पर सियासी घमासान, अखिलेश ने की गिरफ्तारी की मांग तो कांग्रेस का ये दावा...
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक बेदी राम का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जो काफी र्चचा का विषय बना हुआ है, वीडियो में वह राजस्थान, मध्यप्रदेश, तेलंगाना सहित कई राज्यों में आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में एक साथ कई परीक्षार्थियों को पास कराने का दावा कर रहे हैं. इस वीडियो के सामने आने के बाद पहले कांग्रेस और अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीधे मोर्चा खोल दिया है.
लखनऊ, भदैनी मिरर। नीट परीक्षा में हुए पेपर लीक को लेकर जहां एक ओर पूरे देश में बवाल मचा है, छात्र इसका विरोध कर रहे है. वहीं इसी बीच इसमें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक बेदी राम का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जो काफी र्चचा का विषय बना हुआ है, वीडियो में वह राजस्थान, मध्यप्रदेश, तेलंगाना सहित कई राज्यों में आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में एक साथ कई परीक्षार्थियों को पास कराने का दावा कर रहे हैं. इस वीडियो के सामने आने के बाद पहले कांग्रेस और अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीधे मोर्चा खोल दिया है.
अखिलेश यादव ने किया ये ट्वीट
अखिलेश यादव ने बेदी राम की गिरफ्तारी की मांग करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया है. वीडियो के साथ अखिलेश ने लिखा कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले भाजपाइयों द्वारा प्रश्रय प्राप्त नेताओं के नैतिक पतन का कोई और सबूत चाहिए. ऐसे माता-पिता जिन्होंने भाजपा को वोट दिया है, आज न केवल पछता रहे हैं बल्कि भविष्य में कभी भी भाजपा को वोट न देने की कसम भी खा रहे हैं.
अखिलेश ने इसे शर्मनाक बताते हुए बेदी राम की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है.
कांग्रेस ने किया ये दावा
वहीं इससे पहले कांग्रेस ने भी बेदी राम का वीडियो वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने एक्स हैंडल पर लिखा है कि भाजपा के सहयोगी दल सुभासपा के विधायक बेदी राम नीट (यूजी) का पेपर आउट कराने का सरगना है. इनका काम देशभर में पेपर लीक कराकर पैसा कमाना है. वह पहले भी पेपर आउट कराने के मामले में जेल गए हैं.
आगे लिखा, विधायक सत्ता में होने का रौब भी जमाता है. कांग्रेस ने सवाल किया कि पेपर लीक का पता होने के बावजूद विधायक को एनडीए गठबंधन में क्यों रखा गया.