एडिशनल सीपी ने घाट पर रहने वाले सोनू का कराया स्कूल में दाखिला, उठाया पूरी पढ़ाई का जिम्मा, जाने क्यों हुए प्रभावित...

भदैनी घाट पर रहने वाले सोनू का एडिशनल सीपी सुभाष चंद दुबे ने स्कूल में दाखिला करा दिया. उन्होंने सोनू से 3 महीने पहले यह वादा किया था. सोनू के स्वावलंबी स्वभाव से एडिशनल सीपी सुभाष चंद दुबे प्रभावित थे.

एडिशनल सीपी ने घाट पर रहने वाले सोनू का कराया स्कूल में दाखिला, उठाया पूरी पढ़ाई का जिम्मा, जाने क्यों हुए प्रभावित...
सोनू और आदर्श विद्यालय भदैनी के प्रधानाचार्य और अभिभावक संग अपने कार्यालय में अपर पुलिस आयुक्त सुभाष चन्द्र दूबे.

वाराणसी,भदैनी मिरर। कड़क वर्दी के भीतर नाजुक दिल वाले कमिश्नरेट पुलिस के एडिशनल सीपी सुभाष चंद्र दूबे ने एक बार फिर दरियादिली दिखाई है. उन्होंने तीन माह पहले सोनू से किए गए वादे को पूरा किया. उन्होंने भदैनी स्थित आदर्श विद्यालय में कक्षा 6 में दाखिला करा दिया है. गुरुवार को एडिशनल सीपी ने विद्यालय के प्रधानाचार्य और अभिभावक को कार्यालय बुलाकर एक साल की फीस जमा करने के साथ ही ड्रेस, कॉपी-किताब और जरूरी सामग्री भी दे दी. स्कूल के प्रधानाचार्य से एडिशनल सीपी ने कहा की सोनू जहां तक पढ़ना चाहता है हम उसे पढ़ाएंगे. विद्यालय के प्रधानाचार्य ने डीआईजी सुभाष चंद्र दूबे को धन्यवाद देते हुए स्कूल विजिट के लिए आमंत्रित भी किया।

3 माह पहले घाट पर टकराया था सोनू 

लगभग 3 माह पहले जब डीआईजी सुभाष चंद्र दूबे अपने हमराही पुलिस बल के साथ सुरक्षा व्यवस्था के परखने घाटों पर पैदल गश्त कर रहे थे तभी अचानक भदैनी घाट पर पानी टंकी के पास पोल लाइट के नीचे बैठ कर पढ़ाई करते एक बच्चे पर उनकी नजर पड़ गई. यह देखकर डीआईजी रूक गये और बच्चे के पास गये तो देखा की वहाँ एक वजन करने वाली मशीन रखी थी. साथ में एक तख्ती पर लिखा था "5 रुपये में वजन कराये, भिक्षा ना देकर स्वावलम्बी बनाये". इसको देखकर डीआईजी काफ़ी प्रभावित हुए और बच्चे की पढ़ने की लगन को देखकर अपने आप को रोक नहीं पाए. उन्होंने बच्चे से उसका नाम पूछा तो उसने सोनू बताया. उसने बताया की घर की आर्थिक तंगी के चलते वो यहाँ घाट पर बैठ कर पढ़ता है और जों लोग वजन कराके कुछ पैसे दे देते है उनसे वो अपने घर के खर्चे में सहयोग करता है. 

साहब पढ़ना चाहता हूं मगर पढ़ नहीं सकता

बातचीत में सोनू ने डीआईजी को बताया की वह क्लास 6 में एडमिशन लेना चाहता है लेकिन घर की आर्थिक तंगी के कारण वो पढ़ नहीं सकता. बच्चे के पढ़ाई के प्रति दृढ संकल्प और उसके पढ़ाई के प्रति लगन व परिवार के प्रति समर्पण को देखकर डीआईजी काफ़ी प्रभावित हुए और उन्होंने सोनू से वादा किया की वो उसका एडमिशन कराएँगे और उसके पढ़ने लिखने का सारा बंदोबस्त भी करेंगें. कहीं ना कहीं सोनू ने डीआईजी सुभाष चंद्र दूबे को अंदर तक प्रभावित किया था. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते अनेकों प्रकार की जिम्मेदारी व पुलिस की रेस्टलेस ड्यूटी के बाद भी डीआईजी अपना वादा नहीं भूले और उन्होंने सोनू का एडमिशन भदैनी स्थित आदर्श विद्यालय में कराया.

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