धोखाधड़ी के आरोपित को मिली जमानत, जमीन पर कब्जा का है मामला...
कूटरचना कर फर्जी इकरारनामा तैयार कर जमीन पर कब्जा करने के मामले में आरोपित को कोर्ट से राहत मिल गयी.
वाराणसी, भदैनी मिरर। कूटरचना कर फर्जी इकरारनामा तैयार कर जमीन पर कब्जा करने के मामले में आरोपित को कोर्ट से राहत मिल गयी. जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने विरदोपुर, भेलूपुर निवासी आरोपित रजनीश पराशर को 50-50 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया. अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, सूर्यप्रकाश भारती व आनंद यादव ने पक्ष रखा.
अभियोजन पक्ष के अनुसार ढेलवरिया, जैतपुरा निवासी कैलाश लाल सोनकर ने अदालत के आदेश पर कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. आरोप था कि 23 फरवरी 2021 को उसके पड़ोसी अधिवक्ता राजेश प्रसाद सिंह ने उसे फोन से जानकारी दी कि उसकी जमीन पर कब्जा करने की नीयत से कुछ लोग अवैध कब्जा कर रहे हैं. इस पर उसने अपने पड़ोसी अधिवक्ता के साथ मौके पर पहुंचकर उक्त अवैध निर्माण को रुकवा दिया. इस बीच आरोपित मुन्नन ने उन्हें एक फर्जी व कूटरचित कब्जाशुदा सट्टा इकरारनामा दिखाया. जिस पर उसका व जेएन सिंह का हस्ताक्षर था और उसे बताया कि वह उक्त सट्टा 7 मार्च 2011 को अपने गवाहान रजनीश पराशर व मो. दशमी के समक्ष रजिस्टर्ड करा लिया है और अब वह आराजी उसकी है. साथ ही विरोध करने पर गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी देने लगे. जबकि उक्त सट्टा इकरारनामा उसके द्वारा किया ही नहीं गया है और वह फर्जी व कूटरचित है. इसी मामले में आरोपित के खिलाफ कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गयी कि वह इस मामले में गवाह है. उसने न तो कोई धोखाधड़ी की और न ही कूटरचना की है, न ही उसके द्वारा वादी से कोई छलावा किया है. अदालत ने पत्रावली के अवलोकन के बाद आरोपित को जमानत दे दी.