मेंटल हॉस्पिटल में आज फिर एक मौत: एक हफ्ते में 5 मरीजों ने जान गवाई, जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी...

पांडेपुर स्थित मेंटल हॉस्पिटल में मरीजों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार सुबह भी एक महिला मरीज की मौत हो गई है. इस तरह एक हफ्ते में अब तक 5 मरीजों ने अपनी जान गवाई है. उधर आनन-फानन में डीएम वाराणसी द्वारा गठित जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.

मेंटल हॉस्पिटल में आज फिर एक मौत: एक हफ्ते में 5 मरीजों ने जान गवाई, जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी...

वाराणसी,भदैनी मिरर। पांडेयपुर स्थित मानसिक चिकित्सालय में बुधवार को भी एक महिला मरीज ने अपना दम तोड दिया. आरोप है की जब महिला की मौत हुई तब वहां कोई चिकित्सक ही मौजूद नहीं था. इस तरह से बीते एक हफ्ते में मेंटल अस्पताल में पांच मरीजों की जान जा चुकी है. इसके अलावा एक बंदी यहां की सुरक्षा व्यवस्था को धता देकर भाग चुका है.

साथ ही, एक बंदी कर्मचारियों की पिटाई से गंभीर रूप से घायल हो चुका है. यह घटनाएं अस्पतालकर्मियों की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करती है. यह भी स्पष्ट होता है की अस्पताल दुर्व्यवस्थाओं की भेंट चढ़ चुका है.

डॉक्टर नहीं थे तब हुई मौत

मानसिक चिकित्सालय में भर्ती महिला कहां की रहने वाली थी और उसका क्या नाम था, इस संबंध में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल सकी है. अस्पताल प्रशासन की ओर से बताया गया कि महिला को वाराणसी के सीजेएम के आदेश से भर्ती किया गया था. मंगलवार की रात महिला की तबीयत खराब हुई तो अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं मौजूद था और उसे किसी अन्य अस्पताल के लिए भी रेफर नहीं कया गया. उचित उपचार के अभाव में महिला की मौत हो गई.

मंगलवार को  दो मरीजों की हुई थी मौत 

मानसिक चिकित्सालय में भर्ती सारनाथ क्षेत्र की श्रेया (34) की मंगलवार को मौत हो गई थी. श्रेया की मौत की सूचना मिलने पर उसके परिजनों ने मानसिक अस्पताल की निदेशक डॉ. लिली श्रीवास्तव और इलाज करने वाले डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया था. इसके कुछ देरी बाद आजमगढ़ से आए एक अन्य मरीज की मौत हो गई थी. उसकी उम्र लगभग 50 वर्ष थी. मानसिक स्थिति सही न होने के कारण वह अपना नाम और पता नहीं बता पाया था. उसे आजमगढ़ के न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश से भर्ती कराया गया था.

9-10 जून को हुई थी दो बंदियों की मौत

मानसिक अस्पताल में भर्ती बांदा जिले का कैदी हरिशंकर बीती 8 जून को सुरक्षा कर्मियों को चकमा देकर भाग गया था. इसके बाद अस्पताल कर्मियों द्वारा एक बंदी की पिटाई की गई और वह गंभीर रूप से घायल हो गया. 9 जून को बांदा से आए हुए बंदी राहुल उपाध्याय की मौत हो गई थी. इसके एक ही दिन बाद बस्ती जिले के प्राइवेट मरीज दिलीप मिश्रा की मौत हो गई थी.

CMO और ADM प्रोटोकॉल को दिखी खामियां

मानसिक चिकित्सालय में मरीजों की मौतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने मंगलवार को ADM प्रोटोकॉल और CMO की जांच समिति गठित की थी. दोनों अधिकारी जांच करने पहुंचे तो उन्हें अस्पताल में तमाम खामियां मिली थीं. दोनों अफसरों का कहना है कि उन्होंने अस्पताल में मिली खामियों के संबंध में अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है.