नीलगिरी के मालिक दम्पत्ति पर 46वां मुकदमा: जमीन के नाम पर 17 लाख 93 हजार हड़पने का आरोप, पीड़ित को पकड़ा दिया बंद खाते का 3 चेक, SIT जुटा रही साक्ष्य

नीलगिरी के मालिक दम्पत्ति पर 46वां मुकदमा: जमीन के नाम पर 17 लाख 93 हजार हड़पने का आरोप, पीड़ित को पकड़ा दिया बंद खाते का 3 चेक, SIT जुटा रही साक्ष्य
नीलगिरी इंफ्रासिटी के मालिक दम्पत्ति फिलहाल जेल में है।

वाराणसी,भदैनी मिरर। जमीन, गोल्ड और टूर पैकेज के नाम पर जालसाजी, धोखाधड़ी और धमकाने के लिए कुख्यात नीलगिरी इंफ्रॉसिटी कंपनी के मालिकों के खिलाफ 46वां मुकदमा भी चेतगंज थाने में दर्ज हो गया। वाराणसी की जिला जेल में बंद कंपनी के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) विकास सिंह और मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) रितु सिंह पर टूर पैकेज और आवासीय प्लॉट के नाम पर नीलगिरी इंफ्रासिटी कंपनी में निवेश कराने के बाद पैसे हड़पने का आरोप है। पीड़ित द्वारा जमीन या पैसे वापस करने के दबाब बनाने पर मालिक दंपत्तियों ने बंद खाते का तीन चेक पकड़ा दिया।गौरतलब है कि जमीन, गोल्ड और टूर पैकेज के नाम पर करोड़ो रुपये के धोखाधडी का आरोप है।

दो साल बाद भी न मिला जमीन और न ही पैसा

वाराणसी के सामनेघाट (लंका) निवासी अभय कुमार द्विवेदी दो वर्ष पहले नीलगिरी कम्पनी में जमीन लेने के लिए 17 लाख 93 हजार 400 रुपए दिए। उन्होंने आश्वासन दिया गया कि उन्हें आवासीय प्लाट कॉलोनी विकसित करने के बाद दे दिया जाएगा। दो साल से ज्यादा का समय बीतने के बाद अभय ने जब जमीन मांगी तो पहले उनसे टाल-मटोल किया जाने लगा। पीड़ित नीलगिरी इंफ्रासिटी के इंडियन प्रेस कॉलोनी जाकर दबाव देने लगा। 
आरोप है कि सीएमडी विकास सिंह और उसकी पत्नी एमडी रितु सिंह ने 
पोस्ट डेटेड आईडीएफसी बैंक का तीन चेक 24 हजार, 8,84,700 रुपए  और 8,84,700 रुपये का दे दिया गया। अभय जब एक चेक संख्या अपने बैंक ऑफ इंडिया के खाते में लगाए तो पता चला कि उन्हें जिस खाते का चेक दिया गया वह खाते बंद करा दिया गया है। जिसके बाद अभय के पैरों तले जमीन खिसक गई, अभय फिर पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाई और चेतगंज थाने में फ्रॉड नीलगिरी कंपनी के मालिक दंपत्ति के खिलाफ शिकायत पत्र दिया। पीड़ित की तहरीर पर आईपीसी की धारा 419, 420 और 409 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।

जल्द दाखिल होगा आरोप पत्र

पुलिस कमिश्नर (सीपी) ए. सतीश गणेश ने बताया कि नीलगिरी कंपनी के सभी पीड़ितों का मुकदमा पंजीकृत कराया जा रहा है। विशेष जांच दल (SIT) को तेजी से गुणवत्तापूर्ण जांच के निर्देश दिए गए है। सभी मामलों में आरोप पत्र जल्द ही न्यायालय भेजकर प्रभावी पैरवी से कठोर सजा दिलवाई जाएगी। प्रवर्तन निदेशालय भी इस कंपनी का अलग से जांच कर रही है।

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