रोहनियां आश्रम में बाबा के हत्या का पर्दाफाश: संपत्ति की लालच में की गई थी सिर कूंचकर हत्या, 3 आरोपी गिरफ्तार...

Baba murder exposed in Rohiniya Ashram The murder was done in greed of property 3 accused arrestedरोहनियां आश्रम में बाबा के हत्या का पर्दाफाश: संपत्ति की लालच में की गई थी सिर कूंचकर हत्या, 3 आरोपी गिरफ्तार...

रोहनियां आश्रम में बाबा के हत्या का पर्दाफाश: संपत्ति की लालच में की गई थी सिर कूंचकर हत्या, 3 आरोपी गिरफ्तार...

वाराणसी, भदैनी मिरर। रोहनियां के छितौनी गाँव में मौनी बाबा की कुटिया की देखरेख करने वाले सूर्यबली यादव उर्फ बाबा की हत्या का क्राइम ब्रांच और रोहनियां पुलिस ने 72 घंटे में राज से पर्दा उठा दिया। पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर उनके पास से हत्या में प्रयुक्त ईंट, पत्थर और डंडे बरामद किया है। यह सफलता पुलिस को मुखबिर की सूचना पर लगी है। घटना की सूचना मिलते ही 24 मार्च की सुबह उप महानिरीक्षक/पुलिस अधीक्षक अमित कुमार वर्मा मौके पर पहुंचकर खुलासे का निर्देश दिए थे।  

परिवारजनों ने दिया था नामजद तहरीर

हत्या के प्रकरण में परिवारजनों ने पुलिस को धर्मेन्द्र मिश्र, बेला व कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवया था। पुलिस ने धरातलीय अभिसुचना व संकलित अन्य साक्ष्य संकलन से बेला उर्फ शिवकुमार राजभर निवासी अमराखैराचक थाना रोहनियाँ, संजय राजभर निवासी छितौनी कोट थाना रोहनियाँ वाराणसी और करन जायसवाल निवासी बच्छाँव थाना रोहनियाँ वाराणसी को ग्राम करसड़ा बाजार तिराहा थाना रोहनियाँ के पास से गिरफ्तार किया।

पैसे की लालच में की हत्या

पुलिस ने जब गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की तो वह बताये कि मन्दिर की देखभाल करने वाले संरक्षक की मृत्यु के बाद आश्रम के बगल के गाँव खनांव के रहने वाले सूर्यबली यादव द्वारा आश्रम का देखरेख किया जा रहा था। बेला उर्फ शिवकुमार राजभर उनको हटाकर मन्दिर की देखरेख करना चाहता था। इसलिए करन जायसवाल व संजय राजभर को बताया कि सूर्यबली के पास काफी पैसा है। यदि उसे मार दिया जाये तो पैसा हम लोगो को मिल जायेगा और मैं मन्दिर का देखरेख करने लगूंगा। 23 मार्च की रात्रि करीब साढ़े 10 बजे करन जायसवाल व संजय राजभर शराब की शीशी लेकर आश्रम परिसर में घुस आये। बेला राजभर आश्रम के अन्दर पहले से ही मौजूद था। बेला राजभर ने आश्रम का गेट खोला और  करन जायसवाल व संजय राजभर बेला के साथ आश्रम के अन्दर चले गये तथा वहां शराब पिये। तीनों के बातचीत की आवाज सुनकर सूर्यबली यादव ने नाराजगी व्यक्त की और डांट कर बोले कि यहां से बाहर चले जाओ। जिसपर तीनो ने मिलकर डंडा, ईट व पत्थर से मार कर सूर्यबली यादव की हत्या कर दी और मौके से फरार हो गये।