नासा के सर्वर में बग खोजने पर BHU के इनोवेटर मृत्युंजय सिंह को विश्वविद्यालय ने सराहा, किया सम्मानित

नासा की वेबसाइट को सुरक्षित करने के बाद बीएचयू के प्रमुख अधिकारियों ने मृत्युंजय सिंह की इस उपलब्धि के लिए उन्हें सराहा और उन्हें सम्मानित किया

नासा के सर्वर में बग खोजने पर BHU के इनोवेटर मृत्युंजय सिंह को विश्वविद्यालय ने सराहा, किया सम्मानित

वाराणसी, भदैनी मिरर। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के अटल इंक्यूबेशन सेंटर से जुड़े इनोवेटर मृत्युंजय सिंह ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. उन्होंने नासा के सर्वर में एक बड़े बग को ढूंढ निकाला, जिसे नासा ने स्वीकार किया और सुधार की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह गड़बड़ी इतनी गंभीर थी कि हैकर्स नासा की वेबसाइट को बंद कर सकते थे और भारी ट्रैफिक के दौरान वेबसाइट धीमी हो जाती, जिससे उपयोगकर्ताओं को जानकारी प्राप्त करने में परेशानी होती. इससे भी खतरनाक बात यह थी कि इस बग के जरिए गोपनीय सूचनाएं चोरी हो सकती थी.

नासा की वेबसाइट को सुरक्षित करने के बाद बीएचयू के प्रमुख अधिकारियों ने मृत्युंजय सिंह की इस उपलब्धि के लिए उन्हें सराहा. अटल इंक्यूबेशन सेंटर के डायरेक्टर प्रो. पीवी राजीव, मैनेजमेंट फैकल्टी के डीन आशीष वाजपेयी, प्रो. एस के दुबे सहित कई अन्य अतिथियों और अधिकारियों ने मृत्युंजय को उनके इस योगदान के लिए बधाई दी और विश्वविद्यालय की ओर से उन्हें सम्मानित किया.

बता दें कि, मृत्युंजय सिंह ने यह बग एक ओपन चैलेंज के तहत खोजा, जो बग क्राउड कंपनी द्वारा आयोजित किया गया था. इस चैलेंज का उद्देश्य नासा की वेबसाइट में मौजूद कमजोरियों की पहचान करना था. मृत्युंजय ने जिस बग का पता लगाया, उसे "पी-5 इंफॉर्मेशनल वल्नरबिलिटी" का नाम दिया गया है. इस खोज ने नासा की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और मृत्युंजय की तकनीकी विशेषज्ञता और साइबर सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है.