21 माह के बच्चे का सफल ऑपरेशन: BHU के यूरोलॉजिस्टों ने किडनी से निकाला पथरी, अब 14 माह के 2 बच्चों का ऑपरेशन प्लान...

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सर सुंदरलाल अस्पताल के यूरोलॉजिस्टों ने 21 माह के बच्चे के किडनी से सफल ऑपरेशन कर पथरी निकाला है. अब 14 माह के बच्चों का ऑपरेशन डिपार्टमेंट ने प्लान किया है. Successful operation of 21 month old baby: Urologists of BHU removed the stone from the kidney, Now the operation plan of 2 children of 14 months...

21 माह के बच्चे का सफल ऑपरेशन: BHU के यूरोलॉजिस्टों ने किडनी से निकाला पथरी, अब 14 माह के 2 बच्चों का ऑपरेशन प्लान...
ऑपरेशन से पहले चिकित्सकों द्वारा जांच के दौरान किडनी में पाया गया पथरी।

वाराणसी,भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग ने एक जटिल ऑपरेशन कर महज 21 माह के मासूम के गुर्दे से पथरी निकाला है। सफल ऑपरेशन के बाद चिकित्सकों ने उसे अपने देखरेख में रखा जहां तीन दिन में ही बच्चा रिकवर कर लिया है। चिकित्सकों ने बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया है।

गुर्दे में 3×2.5 सेमी का था पथरी

(सफल ऑपरेशन के बाद बच्चे के किडनी से निकाला गया पथरी)

यूरोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर यशस्वी सिंह ने बताया कि पूर्वांचल में पहली बार एक एक्कीस महीने के बच्चे के बायें गुर्दे में पथरी का जिसका आकार 3×2.5 सेमी. था, उसका सफलतापूर्वक दूरबीन विधि से ऑपरेशन किया गया। इस प्रक्रिया को ट्यूबलेस मिनी परक्यूटेनिया नेफ्रोलिथोटॉमी कहा जाता है और इस प्रक्रिया को छोटे बच्चों में करना एक अत्यन्त ही जटिल  ऑपरेशन है। डॉ. यशस्वी सिंह ने आगे बताया कि मरीज की रिकवरी अच्छी हुई और ऑपरेशन के तीसरे दिन उसे स्वस्थ हालत में घर रवाना किया गया।

14 माह के बच्चों के ऑपरेशन की योजना

 डाक्टर यशस्वी सिंह ने बताया कि  ऑपरेशन की अगुवाई प्रोफेसर एंड हेड डिपार्टमेण्ड ऑफ यूरोलॉजी  समीर त्रिवेदी ने की। डॉ. उज्ज्वल कुमार पाठक, डॉ. यशस्वी सिंह की टीम ने इस जटिल ऑपरेशन में निश्चेतना एवं बालरोग विभाग का परस्पर सहयोग प्राप्त हुआ। सफलता के इसी क्रम को जारी रखते हुए डिपार्टमेंट ने आगे 14 माह के दो बच्चों के गुर्दे की पथरी के ऑपरेशन की योजना बनाई है। पूर्वांचल की जनता को यह सौगात देते हुए डॉ. यशस्वी सिंह ने यह बताया कि अब पूर्वांचल की जनता को इस जटिल गुर्दे की पथरी के ऑपरेशन के लिए किसी बड़े महानगर का रूख नहीं करना पडे़गा और इसको सफलतापूर्वक  बीएचयू में ही सम्पन्न किया जायेगा।