Varanasi : नगर निगम अति जर्जर मकान करेगा चिन्हित, नगर आयुक्त ने दो दिन में मांगी रिपोर्ट

नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने सभी जोनल अधिकारियों को आदेश जारी किया है कि नगर में सबसे अधिक अति जर्जर भवनों की जांच कर उसकी सूची दो दिवस में उपलब्ध कराया जाए

Varanasi : नगर निगम अति जर्जर मकान करेगा चिन्हित, नगर आयुक्त ने दो दिन में मांगी रिपोर्ट

वाराणसी, भदैनी मिरर। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने सभी जोनल अधिकारियों को आदेश जारी किया है कि नगर में सबसे अधिक अति जर्जर भवनों की जांच कर उसकी सूची दो दिवस में उपलब्ध कराया जाए. साथ ही सम्बन्धित भवन स्वामियों/ अध्यासियों को नगर निगम, अधिनियम की धारा 334 की उपधारा-3 के अन्तर्गत नोटिस जारी करने के लिए पत्र तैयार कर प्रस्तुत करनेे को निर्देशित किया है.

नगर निगम वाराणसी में वर्तमान समय कुल 489 भवन जर्जर के रूप में दर्ज हैं, जिसमें सभी को नगर निगम अधिनियम की धारा 331 (1)(2) के अन्तर्गत नोटिस दी गयी है, जिसमें निर्देश दिया गया है कि भवन स्वामी/ अध्यासी को उक्त नोटिस के सापेक्ष अपने जर्जर भवन को गिरवा दें या तत्काल मरम्मत करा दें, लेकिन यह देखने में आ रहा है कि अधिकतर भवनों में किरायेदारी व अन्य किसी मामले में विवाद है या न्यायालय में वाद चल रहा है, जिसके विधिक अड़चनों के कारण नगर निगम द्वारा ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है. इसी समस्या को लेकर विगत दिनों कुछ भवन गिर भी गये.

नगर आयुक्त के द्वारा इसका संज्ञान लेते हुये नगर निगम अधिनिमय 1959 की धारा 334 की उपधारा-3 के अन्तर्गत प्रभावी कार्रवाई करने को सभी जोनल अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि उनके जोन में जो सबसे अधिक अति जर्जर भवन है, उसे दो दिवस में चिन्हित किया जाय और भवन स्वामी/ अध्यासी को इसी धारा के अन्तर्गत नोटिस जारी करने को नोटिस तैयार कर प्रस्तुत किया जाए.

नगर निगम अधिनिमय 1959 की धारा 334 की उपधारा-3 के अन्तर्गत जिस भवन को नोटिस जारी की जायेगी, उस भवन का स्वामी/ अध्यासी को उस अति जर्जर भवन को तत्काल खाली करना होगा और जब तक नोटिस वापिस नही लिया जाता, तब तक कोई व्यक्ति उस भवन अथवा उसके भाग में प्रवेश नही करेगा, किन्तु वह किसी ऐसे निर्माण कार्य को कार्यान्वित करने के लिए उसमें प्रयोग कर सकता है. जिसे उसको विधतः कार्यान्वित करना है. इस आदेश में अधिनियम के अनुसार निर्देशित किया गया है कि भवन का स्वामी/ अध्यासी तत्काल उस भवन को खाली करेगा तथा भवन खाली होने के उपरान्त नगर निगम उस भवन के नियमानुसार ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करेगा.

साथ ही नगर निगम द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्यवाही पर होने वाला व्यय भवन स्वामी/ अध्यासी से वसूल की जाएगी. अधिनियम के अनुसार निर्धारित समय में भवन खाली न करने या किसी भी प्रकार का उल्लघंन करने पर नगर निगम अधिनियम 334 की उपधारा-4 के अन्तर्गत उस पर पुलिस को भवन खाली कराने की कार्रवाईको संस्तुति कर दी जायेगी.