सुप्रीम कोर्ट का बुलडोजर कार्रवाई पर बड़ा फैसला, 1 अक्टूबर तक बिना अनुमति इमारतें नहीं गिराई जाएंगी
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बुलडोजर कार्रवाई के संबंध में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि पूरे भारत में 1 अक्टूबर तक बिना कोर्ट की अनुमति के किसी भी इमारत को गिराया नहीं जाएगा
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बुलडोजर कार्रवाई के संबंध में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि पूरे भारत में 1 अक्टूबर तक बिना कोर्ट की अनुमति के किसी भी इमारत को गिराया नहीं जाएगा. हालांकि, कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यह आदेश सार्वजनिक स्थलों जैसे सड़कों, फुटपाथों और रेलवे लाइनों पर लागू नहीं होगा. इस मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को निर्धारित की गई है.
केंद्र सरकार ने इस आदेश पर सवाल उठाया है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में तर्क दिया कि संवैधानिक संस्थाओं को इस तरह के प्रतिबंधों से कार्य करने में बाधा नहीं होनी चाहिए. इस पर जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच ने जवाब दिया, "अगर बुलडोजर कार्रवाई दो हफ्तों के लिए रोक दी गई, तो कोई बड़ा संकट नहीं आएगा. इसे रोकने में 15 दिन का समय क्या मायने रखेगा?"
इस मामले में याचिका जमीयत-उलेमा-ए-हिंद द्वारा 22 अगस्त को दायर की गई थी, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, बरेली और प्रयागराज में हुई बुलडोजर कार्रवाई का उल्लेख किया गया था. जमीयत का आरोप है कि भाजपा शासित राज्यों में मुसलमानों को निशाना बनाकर बुलडोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है.
2 सितंबर को हुई पहली सुनवाई में कोर्ट ने सवाल किया था कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के घर को कैसे गिराया जा सकता है? कोर्ट ने यह भी कहा था कि ऐसी गाइडलाइंस बनाई जाएं, जो पूरे देश में लागू हो सकें. इसके लिए कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों से सुझाव भी मांगे थे.