मिर्जापुर प्रकरण: बोले अजय राय- राजनैतिक विद्वेष से काम कर रही भाजपा, पूर्व सीएम के पोते और परपोते के खिलाफ मुकदमा लिखवाना साजिश का हिस्सा...
वाराणसी,भदैनी मिरर। मिर्जापुर जिले में यूपी के पूर्व सीएम पंडित कमलापति त्रिपाठी के पोते और परपोते, पांच महिला समेत 42 लोगों के खिलाफ लिखे गए मुकदमें को लेकर कांग्रेस हमलावर है। राज्य के सभी जनपदों में कार्यकर्ता इसे राजनीति विद्वेष की कार्रवाई बता रहे है। शुक्रवार को बनारस में पूर्व विधायक अजय राय ने पराड़कर भवन में प्रेसवार्ता कर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला।
कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि 'भाजपा में शामिल हो जाओ, नहीं तो दमन एवं उत्पीड़न की कार्रवाई सहने के लिये तैयार रहो" की रणनीति से भाजपा ने कुछ लोगों को जरूर तोड़ा है, लेकिन पूर्व सीएम त्रिपाठी परिवार को प्रलोभन या उत्पीड़न दोनों नहीं डिगा सकते।
आरोप लगाया कि सोनभद्र के उंभा कांड पर कांग्रेस के आंदोलन और प्रियंका गांधी को लाकर उसे उत्तेजित करने की ललितेशपति त्रिपाठी की भूमिका के बाद से नाराज योगी सरकार उसी राजनीतिक मंसूबे एवं विद्वेष से ऐसी रणनीति पर काम कर रही है। सारे तथ्यों को दरकिनार रख उनकी कथित जांच समिति की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई न करने की हाईकोर्ट में वचनबद्धता के बावजूद चुनावी रणनीति की हड़बड़ी के तहत एफआईआर दर्ज कराकर राजनीतिक भयादोहन की रणनीति सफल नहीं होगी।
क्या है पूरा मामला
पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी, पिता पूर्व एमएलसी राजेश पति त्रिपाठी और पांच महिलाओं सहित 42 लोगों के खिलाफ मिर्जापुर में सहायक आयुक्त सहकारिता निबंधक मित्रसेन वर्मा ने भूराजस्व अधिनियम के तहत मड़िहान थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
सरकार की साढ़े नौ हजार बीघा जमीन पर हेरा-फेरी का मामला बताया जा रहा है। आरोप है कि गोपालपुर फार्म हाउस की कुछ जमीन बिना अनुमति के बेच दी थी। उभ्भा कांड के बाद अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार की अध्यक्षता में गठित एसआइटी की जांच में इस भूमि से जुड़ी समिति की भी जांच की गई थी।
जमीन के मामले में कार्रवाई करने के निर्देश कुछ दिन दिए गए थे। इसकी जानकारी कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री कार्यालय से संबंधित एक ट्विटर हैंडल के माध्यम से साझा की गई थी। इसी क्रम में बीते बुधवार को मुकदमा दर्ज किया गया।