लेटरल एंट्री पर सरकार का यू-टर्न : अखिलेश-राहुल ने BJP को घेरा, कहा- साजिशों को नाकाम कर दिखाएंगे
संघ लोकसेवा आयोग (UPSC) की सेवाओं में लेटरल एंट्री को लेकर मचे सियासी घमासान बीच केंद्र सरकार ने यू-टर्न ले लिया. सरकार के इस फैसले पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार को आड़े हाथों लिया है.
संघ लोकसेवा आयोग (UPSC) की सेवाओं में लेटरल एंट्री को लेकर मचे सियासी घमासान बीच केंद्र सरकार ने यू-टर्न ले लिया. केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने UPSC चैयरमेन को पत्र लिखकर कहा कि सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगाई जाए. सरकार के इस फैसले पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार को आड़े हाथों लिया है.
राहुल गांधी ने कहा...
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा, “संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे. भाजपा की लेटरल एंट्री जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे.” राहुल ने अपने पोस्ट में एक बार फिर 50 फीसदी आरक्षण सीमा को तोड़ने का ज़िक्र किया. उन्होंने कहा, “मैं एक बार फिर कह रहा हूं- 50 फीसदी आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे.”
अखिलेश ने कहा..
समाजवादी पार्टी के मुखिया और सांसद अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्ट लिखा, 'यूपीएससी में लेटरल एंट्री के पिछले दरवाजे से आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साजिश आखिरकार पीडीए की एकता के आगे झुक गई. सरकार को अब अपना ये फैसला भी वापस लेना पड़ा है. भाजपा के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, ये PDA में आए जागरण और चेतना की बहुत बड़ी जीत है.
अखिलेश यादव ने सरकार के इस फैसले को पीडीए की जीत बताते हुए कहा, “भाजपा के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, ये पीडीए में आए जागरण और चेतना की बहुत बड़ी जीत है. इन परिस्थितियों में समाजवादी पार्टी लेटरल भर्ती के खिलाफ 2 अक्टूबर से शुरू होने वाले आंदोलन के आह्वान को स्थगित करती है.”
उन्होंने कहा, “साथ ही ये संकल्प लेती है कि भविष्य में भी ऐसी किसी चाल को कामयाब नहीं होने देगी और पुरज़ोर तरीके से इसका निर्णायक विरोध करेगी. जिस तरह से जनता ने हमारे 2 अक्टूबर के आंदोलन के लिए जुड़ना शुरू कर दिया था, ये उस एकजुटता की भी जीत है.” अखिलेश यादवे ने कहा कि लेटरल एंट्री ने भारतीय जनता पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है.
बता दें कि मोदी केंद्र सरकार ने विवाद के बीच मंगलवार को यूपीएससी को नौकरशाही में लेटरल एंट्री से संबंधित विज्ञापन वापस लेने का निर्देश दिया है. लेटरल एंट्री एक सीधी भर्ती की प्रक्रिया है जिसके माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की केंद्र सरकार के मंत्रालयों एवं विभागों में कुछ निश्चित समय के लिए नियुक्ति की जाती है. ये भर्तियां सामान्यत: संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों पर की जाती हैं.