तीन सेमी की रफ्तार से बढ़ रहीं गंगा, नौका संचालन ठप्प, तटवासियों के माथे पर चिंता की लकीर...
सोमवार की सुबह चार सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ाव जारी रहा। दोपहर 2 बजे गंगा का जलस्तर 68.04 मीटर पर पहुंच गया।
वाराणसी, भदैनी मिरर। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण काशी में मां गंगा का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जिसके कारण नाव संचालन पर भी रोक लगा दी गई है। तीन दिनों से रुक-रुककर बारिश का दौर भी जारी है। वहीं गंगा में बढ़ाव के कारण काशी विश्वनाथ मंदिर का गंगा द्वार बंद कर दिया गया है।
सोमवार की सुबह चार सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ाव जारी रहा। दोपहर 2 बजे गंगा का जलस्तर 68.04 मीटर पर पहुंच गया। यह चेतावनी बिंदू से करीब ढाई मीटर दूर है। वाराणसी में चेतावनी बिन्दू 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर पर है। वर्तमान में गंगा 3 सेमी प्रति घण्टे के रफ्तार से बढ़ रही हैं। रफ्तार यही बनी रही तो अगले दो दिनों में गंगा चेतवानी बिंदू को पार कर जाएंगी।
इससे पहले शनिवार रात 10 बजे से प्रति घंटा 10 सेंमी की शुरू।हुई वृद्धि रविवार रात तक जारी रही। इससे तटवर्ती शहरी और।ग्रामीण क्षेत्रों में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई। रविवार रात आठ बजे गंगा में उफान की रफ्तार छह सेमी प्रति घंटे हो गया। गंगा में तेजी से हो रहे बढ़ाव के कारण तटवासियों के माथे पर भी चिंता की लकीर दिखने लगी है।
रविवार रात 10 बजे जलस्तर 67.46 मीटर पर पहुंच गया। बाढ़ के आगोश में घाट किनारे के मंदिर आने लगे हैं। दशाश्वमेध घाट के सिद्धपीठ शीतला मंदिर में गंगा का पानी प्रवेश करने के साथ ही मणिकर्णिका घाट पूरी तरह डूब गया। ललिता घाट से विश्वनाथ धाम की सीढ़ियों पर पानी तेजी से चढ़ने लगा है।
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक बुधवार से बढ़ाव की गति बढ़ी। यह पहले एक सेमी प्रति घंटे रही जो गुरुवार को दो से तीन सेमी प्रतिघंटे तक पहुंच गई। शनिवार दोपहर में चार सेमी प्रति घंटे की गति अचानक 10 सेमी प्रति घंटा पर पहुंच गई।