BHU : अनशनरत प्रोफेसर ओम शंकर को समर्थन देने पहुंचे पूर्व CM भूपेश बघेल, पप्पू यादव ने भी जताई चिंता...
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के हृदय रोग विभाग में बेड बढ़ाने की मांग और सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्साधीक्षक प्रोफ़ेसर के.के. गुप्ता को हटाने की मांग को लेकर प्रोफ़ेसर ओम शंकर का आमरण अनशन 18 वें दिन मंगलवार को जारी रहा.
वाराणसी,भदैनी मिरर। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के हृदय रोग विभाग में बेड बढ़ाने की मांग और सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्साधीक्षक प्रोफ़ेसर के.के. गुप्ता को हटाने की मांग को लेकर प्रोफ़ेसर ओम शंकर का आमरण अनशन 18 वें दिन मंगलवार को जारी रहा. प्रोफ़ेसर ओम शंकर को अनशन के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति ने विभाग के विभागाध्यक्ष के पद से भी हटा दिया है. बाबजूद इसके प्रोफ़ेसर ओम शंकर के अनशन को बड़े लोगों का अब समर्थन मिलने लगा है. प्रो. ओम शंकर दिनांक 11 मई से ही भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं.
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी आज दोपहर मिले:
मंगलवार को प्रोफ़ेसर ओम शंकर को समर्थन देने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचे, उन्होंने ओम शंकर के गिरते स्वास्थ्य पर चिंता प्रकट की. प्रोफेसर ने अपनी दूरगामी सोच स्वास्थ्य क्रांति को साझा करते हुए बताया की कैसे गरीबों के लिए स्वाथ्य और शिक्षा का अधिकार उनके लिए वरदान साबित होगा. हर साल करीब 5 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला जा सकता है. सरकारी संस्थानों को मिलते कम बजट पर चिंता जाहिर की एवं जीडीपी का 10℅ स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च करने की बात कही. वहीं अपनी तात्कालिक कारण सर सुंदरलाल अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार और मरीजों के लिए मिला कम बेड की तरफ ध्यान आकृष्ट किया. उन्होंने आश्वासन दिया की हम आगे राहुल गांधी से इस मुद्दे पर बात करेंगे एवं इस आमरण अनशन की सफलता के लिए भरसक प्रयास करेंगे.
पप्पू यादव का भी मिला समर्थन
मंगलवार सुबह प्रोफेसर ओम शंकर से मिलने पूर्णिया के निर्दलीय लोकसभा प्रत्याशी पप्पू यादव पहुंचे. उन्होंने प्रोफेसर के स्वास्थ्य का हाल लिया एवं आग्रह किया कि आप अनशन तोड़ दें! उन्होंने वर्तमान राजनीति के बदलते स्वरूप पर चिंता व्यक्त की एवं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों से नाराजगी भी जाहिर की. उन्होंने कहा की ऐसे मूल लड़ाई के समर्थन में कोई आगे नहीं आता. कहा आज के परिवेश में जरुरत है ऐसे मूल मांगों के प्रति खड़ा होने की एवं अपने अपने सोशल मीडिया से प्रोफेसर की बातों को आम लोगों तक पहुंचाने की. उन्होंने भी इस मुद्दे को ट्वीट करने और राहुल गांधी को मेसेज करने की बात कही.
रविश कुमार का मिला समर्थन :
प्रसिद्ध पत्रकार रविश कुमार ने एक्स ( पहले ट्वीटर) पर रिट्वीट करते हुए कहा प्रोफेसर ओम शंकर की मांग क्यों नहीं सुनी जा रही ? इस तरीके से ये आंदोलन धीरे धीरे जन आंदोलन बनता जा रहा है। इस बीच डॉक्टर ओम शंकर की स्वास्थ्य लगातार गिरती जा रही है. आंदोलन शुरु होने से अबतक 10 किलोग्राम वजन कम हो गया है. सभी शुभचिंतक चाहते है की प्रोफेसर जल्दी से अपना आंदोलन तोड़े।