नवरात्रि से पहले लावारिस फेंका 3 दिन की बच्ची, निष्ठुर मां-बाप के हाथ भी न कांपे...

बीएचयू अस्पताल परिसर में तीन दिन के नवजात बच्ची को लावारिस छोड़कर मां-बाप चले गए. सफाईकर्मी महिला की नजर पड़ी तो उसे उठाकर गले लगाया और फिर पीआईसीयू में भर्ती करवाया गया.

नवरात्रि से पहले लावारिस फेंका 3 दिन की बच्ची, निष्ठुर मां-बाप के हाथ भी न कांपे...
सफाईकर्मी शाहनवाज की गोद में लावारिस छोड़ी गई बच्ची।

वाराणसी, भदैनी मिरर। आज से देवी आराधना में लोग जुट गए है. लेकिन यह खबर उनके लिए मुंह पर तमाचा है जो कन्या पूजन की बातें करते है और महज तीन दिन की बच्ची को निष्ठुर होकर फेंककर चलते बनते है. दुधमुही बच्ची को लावारिस छोड़ते हुए उन मां-बाप के हाथ भी नहीं कापें और बीएचयू अस्पताल के एचडीएफसी बैंक के समीप उमंग फार्मेसी के बगल में टीनशेड के नीचे कुर्सी पर छोड़कर चले गए. बच्ची शनिवार को मिली तो अस्पताल परिसर में तरफ तरफ की चर्चा थी.

सफाईकर्मी शहनाज ने गले लगाया

तीन घंटे से लावारिश पड़ी बच्ची जब भूख से रोना शुरु की तो लोगों की निगाहें पड़ी. सफाईकर्मी शाहनवाज ने दौड़कर बच्ची के पास गई और गले लगाया. खरीदकर दूध पिलाया और चिकित्सकों के पास ले गई. बाल रोग विभाग के चिकित्सकों ने पहले बच्ची को दुलारा. परीक्षण में पता चला की शरीर में चोट नहीं लेकिन तबीयत खराब है, जिसकी वजह से पीआईसीयू में भर्ती कर इलाज शुरु कर दिया गया है. प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने इसकी सूचना लंका पुलिस को दी. सूचना मिलने पर महिला सब इंस्पेक्टर और महिला कांस्टेबल पहुंची और विवरण लेने के बाद वापस लौट गई. बच्ची के इलाज के बाद स्वस्थ होने पर उसे बाल कल्याण समिति के सामने पुलिस पेश करेंगी और आगे की कार्रवाई करेगी.

गनीमत रही बच्ची बच गई

बता दें, जहां बच्ची लावारिस हालत में थी, वहां आवारा कुत्तों का आतंक है. कई बार कुत्ते अटैक कर चुके है. बच्ची कुर्सी पर थी जिसकी वजह से बच गई. चार कपड़ों में लिपटी बच्ची की रूदन सुनकर सफाईकर्मी की नजर पड़ गई और बच्ची आज सुरक्षित है.