डॉ शशिकांत उपाध्याय के कहा कि पूर्व में लोगों में सरकारी अस्पताल के नाम से अपना रुख बदल देते थे लेकिन अब पीएचसी स्तर पर बेहतर चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध होने के कारण लोगों का विश्वास काफी हद तक बढ़ा है तथा उनके द्वारा किए जा रहे चिकित्सीय खर्च में बहुत हद तक कमी आई है। पीएचसी स्तर पर बड़ागांव पीएचसी में सभी आधुनिक चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हैं। उन्होने कहा कि जिन मानकों के आधार पर बड़ागांव पीएचसी का एनक्वास सर्टिफिकेशन हुआ है, उन सभी मानकों पर और भी बेहतर किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राहुल सिंह ने कहा कि यह जनपद वाराणसी के लिए एक गौरव का विषय है कि हमारी टीम के द्वारा चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार अथक प्रयास के बाद भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर एनक्वास सर्टिफाईड प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ। जिसके लिए समस्त टीम बधाई के पात्र हैं।
मंडलीय क्वालिटी सलाहकार डॉ आरपी सोलंकी ने बताया कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के क्रम में एनक्वास सर्टिफ़ाईड के लिए तीन बार आंतरिक, पीयर एवं बाह्य असिस्मेंट किया गया। इन असिस्मेंट के क्रम में पहला अंतर्विभागीय असिस्मेंट के रूप में वर्ष 2019 में किया गया था जिसमें बड़ागांव पीएचसी को 76 प्रतिशत अंक प्राप्त हुये थे। इसके बाद वर्ष दिसंबर 2020 में राज्य स्तरीय असिस्मेंट किया गया जिसमें बड़ागांव पीएचसी को 83.57 प्रतिशत अंक प्राप्त हुये। वहीं इस वर्ष अंतिम असिस्मेंट 22 एवं 23 नवंबर को भारत सरकार की दो सदस्यीय टीम ने बड़ागांव पीएचसी का असिस्मेंट किया था।
पीएचसी के अंदर सभी छह विभागों का असिस्मेंट किया। जिसके बाद प्रत्येक विभाग को उसके मानकों के आधार पर अंक दिए गए। इन विभागों में बड़ागांव पीएचसी की ओपीडी को 85.20 प्रतिशत, लैब को 78.3 प्रतिशत, लेबर रूम को 85.7 प्रतिशत, आईपीडी को 82.9 प्रतिशत, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों (डेंगू, मलेरिया, टीबी, कुष्ठ, मधुमेह, आदि) को 92.7 प्रतिशत एवं जनरल एडमिनेशट्रेशन को 81.2 प्रतिशत नंबर मिले थे। कुल 85.01 प्रतिशत अंक अर्जित करके बड़ागांव पीएचसी एनक्वास के समस्त मानकों पर शत-प्रतिशत खरा उतरा है। डॉ सोलंकी ने बताया कि इसके साथ ही लगातार पिछले पाँच साल से बड़ागांव पीएचसी को राज्य स्तर से कायाकल्प अवार्ड के लिए चयन किया जाता रहा है, जिसमें इस वर्ष (2020-21) के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में प्रथम पीएचसी होने का गौरव प्राप्त है।
जाने क्या है एनक्वास
एनक्वास भारत सरकार की संस्था है, जो सरकारी अस्पतालों को उनकी सेवाओं के लिए मानक निर्धारित करती है। यहां मुख्य रूप से अस्पताल के अंदर काम करने वाले विभागों का रख-रखाव, कामकाज का तरीका, सेवा प्रावधान, रोगी अधिकार, इनपुट, सहायता सेवाएं, नैदानिक देखभाल, संक्रमण नियंत्रण, गुणवत्ता प्रबंधन और परिणाम को देखा और परखा जाता है, उसी के आधार पर अंक दिए जाते हैं। निर्धारित 100 फीसदी में से कम से कम 70 प्रतिशत तक अंक प्राप्त करने वाले अस्पतालों को एनक्वास से सर्टिफिकेट मिलता है, जो इस बात का प्रमाण होता है कि अमुक अस्पताल की सेवाएं भारत सरकार के निर्धारित मापदंड के अनुरूप संचालित हैं।
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