घूसखोर दरोगा भी बर्खास्त: 5 हजार घूस लेते गिरफ्तार हुआ था दरोगा महेश सिंह, एडिशनल CP बोले- धूमिल होती है पुलिस की छवि...
SubInspector Mahesh Singh was arrested for taking 5 thousand bribe, was sacked. Additional CP said - the image of the police gets tarnished. वर्ष 2019 में वादी गवाह से पैसे लेने के आरोप में रंगे साथ तैनाती चौकी सोनिया (सिगरा) से गिरफ्तार हुआ तत्कालीन चौकी इंचार्ज महेश सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है।
वाराणसी,भदैनी मिरर। इनाम के नाम पर 5 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ अपने ही तैनाती चौकी सोनिया से भ्रष्टाचार निवारण संगठन द्वारा गिरफ्तार हुए दरोगा महेश सिंह को विभागीय जांचोपरांत अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) सुभाष चन्द्र दुबे ने बर्खास्त (पदच्युति) करने का आदेश दे दिया है। महेश सिंह वर्तमान में जिला जौनपुर में तैनात है। एडिशनल सीपी ने आदेश की कॉपी जौनपुर पुलिस अधीक्षक को भी भेजी है। एंटी करप्शन टीम ने दरोगा को 23 मार्च 2019 को गिरफ्तार कर कैंट थाने में पूछताछ के बाद मुकदमा पंजीकृत किया था।
इनाम के रुप में मांगा था रिश्वत
एक कुरियर कंपनी चलाने वाले राज कुमार गुप्ता निवासी कबीर चौरा थाना कोतवाली ने सिगरा थाना में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। राज कुमार के अनुसार उन्होंने एक कुरियर कंपनी की फ्रेंचाइजी ली थी। कुरियर को पहुंचाने के लिए एक कुरियर ब्वॉय रखा था, जिसने लाखों का समान लोगों तक नहीं पहुंचाया। फर्जी हस्ताक्षर कर खुद समान रख लिया था। राजकुमार ने बकायदे इस मामले को लेकर मुकदमा दर्ज कराया था। चौकी प्रभारी सोनिया रहे महेश सिंह ने इस मामले में जांच की थी और कुरियर ब्वॉय को जेल भेजा था इसके बाद चौकी प्रभारी लगातार वादी राज कुमार गुप्ता को फोन करके इनाम की राशि मांगने लगा। वादी ने पांच सौ रुपया दिया था लेकिन चौकी इंचार्ज और पैसा देने के लिए दबाव बनाने लगे। वादी जब परेशान हो गया तो उसने भ्रष्टाचार निवारण संगठन से लिखित शिकायत की थी जिसके बाद यह कार्रवाई की गयी है।
आमजन का रक्षक होते हुए भक्षक का काम किया
अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय और अपराध) सुभाषचंद्र दुबे ने 2 साल 9 महीने बाद दरोगा को बर्खास्त कर दिए है। उन्होने बताया कि तत्काल पुलिस कप्तान ने विभागीय जांच पुलिस अधीक्षक अपराध ज्ञानेंद्र नाथ प्रसाद को सौंपी। गैरजनपद तबादला के बाद उस जांच को अजय कुमार सिंह एसपी क्राइम ने आगे बढ़ाया। पीठासीन अधिकारी ने दरोगा को बचाव आदि के पर्याप्त अवसर दिए। आदेश में एडिशनल सीपी ने लिखा है कि विभागीय कार्यवाही में आरोप सिद्ध पाए जाने पर पुलिस जैसे अनुशासित बल में रहते हुये दरोगा महेश सिंह का कृत्य अमर्यादित एवं घोर निंदनीय है। जिससे पुलिस बल की छवि अत्यन्त धूमिल हुयी है। दरोगा द्वारा आमजन का रक्षक होते भक्षक का कार्य किया गया है, जो एक अति गम्भीर अपराध है। यदि ऐसे उप निरीक्षक को पुलिस बल में बनाये रखा जाता है तो इसका कुप्रभाव अन्य पुलिसकर्मियों पर पड़ेगा और साथ ही समाज में एक गलत संदेश जायेगा तथा पुलिस बल से आम जनता का विश्वास उठेगा। इस कारण दरोगा महेश सिंह को पुलिस बल में बनाये रखने का कोई औचित्य नहीं है। दरोगा का स्पष्टीकरण आधारहीन, बलहीन, असत्य एवं निराधार होने के कारण उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा से पदच्युति (Dismiss) किये जाने का आदेश पारित करता हूँ।