उच्चक्कागिरी करने वाले अंतरप्रांतीय गिरोह के छह बदमाश गिरफ्तार, घटना के बाद ट्रेन से बदल देते थे शहर...

सिगरा पुलिस ने शहर में उच्चक्कागिरी करने वाले अंतरप्रांतीय गिरोह के सरगना सहित छह आरोपियों को सीसीटीवी कैमरे और सर्विलांस की मदद से गिरफ्तार किया है.

उच्चक्कागिरी करने वाले अंतरप्रांतीय गिरोह के छह बदमाश गिरफ्तार, घटना के बाद ट्रेन से बदल देते थे शहर...

वाराणसी, भदैनी मिरर। सिगरा पुलिस ने शहर में उच्चक्कागिरी करने वाले अंतरप्रांतीय गिरोह के सरगना सहित छह आरोपियों को सीसीटीवी कैमरे और सर्विलांस की मदद से गिरफ्तार किया है. यह खुलासा शुक्रवार को डीसीपी काशी जोन आर.एस. गौतम ने अपने कार्यालय में की. सभी आरोपी सिगरा क्षेत्र स्थित एक साड़ी शोरूम के बाहर खड़ी कार का शीशा तोड़कर ढाई लाख रुपये व सोने की उचक्कागिरी कर फरार हो गए थे. जिसके बाद एडीसीपी काशी जोन के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन हुआ था.

डीसीपी काशी जोन ने बताया की गिरफ्तार आरोपियों की पहचान तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु) के हरी भाष्कर कॉलोनी निवासी दिल्ली राजन, कटटर निवासी कदिरवन चंदु,
सैथिल कुमार, न्यू कट्टू निवासी कार्तिकेयन, गांधीनगर पूंगनूर के रंगन आर. और कोलार (कर्नाटक) चकापुर मालूर निवासी चरनराज के रुप में हुई है. गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में अपना जुर्म कुबूल किया है.

ट्रेन से पहुंचे थे बनारस

डीसीपी ने बताया की यह गिरोह घटना को अंजाम देने के बाद बड़े ही आराम से ट्रेन से शहर बदल लेते है. उन्होंने बताया की यह मोतीनगर (लखनऊ) के शैलेंद्र रस्तोगी परिवार के साथ कार से वाराणसी दर्शन के लिए आये थे. 19 जुलाई की रात सिगरा स्थित साड़ी के शो-रूम के पास से उचक्कों ने उनकी गाड़ी से बैग उड़ा दिया था. जिसमें ढाई लाख रुपये और गला हुआ सोना रखा था. गुरुवार रात सिगरा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने सीसी टीवी कैमरे की फुटेज के जरिये उचक्कों की शिनाख्त की. जिसे मालगोदाम रोड से सभी को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपितों के पास से 6.51 लाख रुपये, 16 मोबाइल, दो लैपटॉप, 79.5 ग्राम सोना, चांदी के आठ सिक्के बरामद हुए. बीते रविवार को सभी ट्रेन से कैंट स्टेशन पहुंचे. गिरोह का एक सदस्य बिनोदन फरार है. उसकी तलाश की जा रही है. 

हिस्ट्रीशीटर है सरगना

डीसीपी ने बताया की गिफ्तार अभियुक्तों का अपराधिक इतिहास है. गिरफ्तार दिल्ली राजन गिरोह का सरगना है. वह तमिलनाडु में रामजी नगर थाने का हिस्ट्रीशीटर है. इसके गाजियाबाद में उसके खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज हैं. बाकी का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है.