शिवमणि के ड्रम से होगा आज शाम संकटमोचन संगीत समारोह का आगाज, आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित है कला दीर्घा, देखें पूरी सूची...
Sankatmochan music festival will begin this evening with Shivamani's drum. Art gallery dedicated to the Amrit Festival of Independence, see full list. श्री संकट मोचन संगीत समारोह के 99वें संस्करण का आगाज आज शाम होगा। उसके बाद एक से बढ़कर एक कलाकार अपनी हाजिरी लगाएंगे।
वाराणसी,भदैनी मिरर। छह दिवसीय श्री संकटमोचन संगीत समारोह का आज शाम आगाज हो जाएगा। हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में होने वाला यह संगीत समारोह पूरे विश्व में विख्यात है। पिछले दो वर्षों में भी संगीत समारोह की परंपरा नहीं टूटी और महंत प्रोफेसर विश्वम्भरनाथ मिश्र ने वर्चुअल मोड़ पर हनुमान जी को संगीत सुनवाया।
बुधवार से शुरु हो रहे इस कार्यक्रम की शुरुआत पंडित शिवमणि के ड्रम और पंडित यू राजेश के मैंडोलिन से होगा। उसके बाद एक से बढ़कर एक शास्त्रीय कार्यक्रम प्रस्तुत होंगे। पहले दिन के कार्यक्रम का विश्राम गायन से पंडित साजन मिश्र, स्वरांश मिश्र, राजेश मिश्र, विनय मिश्र, विनायक सहाय करेंगे। इस बार साजन मिश्र के साथ पंडित राजन मिश्र की कमी खलेगी। पहले दिन कुल आठ प्रस्तुतियां होंगी।
महंत प्रोफेसर विश्वम्भरनाथ मिश्र ने बताया कि इस बार 15 से ज्यादा पद्म अवार्डी कलाकार दरबार में हाजिरी लगाएंगे। युवा कलाकारों को भी इस बार भरपूर जगह देने का प्रयास किया गया है ताकि संगीत का भविष्य भी उज्ज्वल रहे। इसके अलावा पिछले 2 वर्षों में जिन भी कलाकारों ने ऑनलाइन हनुमान जी महाराज को संगीत सुनाया था उन्हें भी वरीयता दी गई है।
कला दीर्घा में दिखेंगे स्वतंत्रता सेनानी
हनुमान दरबार में संगीत के साथ कला दीर्घा में भी इस बार बेहतरीन तैयारी की गई है। कोरोना कॉल में जो महान कलाकार जैसे पंडित जसराज जी, पंडित राजन जी, विरजु महराज, देबू चौधरी, प्रतीक चौधरी के 8 फुट के कटआउट लगाए जा रहे है। इसके अलावा संकटमोचन संगीत समारोह के शुरुआत से जुड़े रहे पंडित गोपाल जी के भी कटआउट बनाये जा रहे है। प्रोफेसर विजयनाथ मिश्र ने बताया कि कला दीर्घा इस बार 'आजादी के अमृत महोत्सव' को समर्पित है। छह दिनों में काशी विद्यापीठ के दृश्य कला संकाय के विभागाध्यक्ष सुनील विश्वकर्मा और अनिल शर्मा के नेतृत्व में काशी के कलाकार उन स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें उकेरेंगे जो गुमनाम है, उनके भी तस्वीर कल्पनाओं से उकेरने का प्रयास है जिनकी कथाएं तो मिलती है मगर तस्वीर नहीं।