दिखावटी न होकर असली क्षमताओं को पहचानें, हिंदी के साथ अंग्रेजी के कौशल में भी निपुणता हासिल करें- प्रो. के के अग्रवाल
मुख्य वक्ता प्रो. के. के. अग्रवाल ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि वे दिखावटी न होकर अपनी असली क्षमताओं को पहचानें और हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी के कौशल में भी निपुणता हासिल करें.
वाराणसी, भदैनी मिरर। डोमरी, रामनगर स्थित आचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय में सत्र 2024–25 की नव प्रवेशी छात्राओं के लिए आयोजित पांच दिवसीय दीक्षा कार्यक्रम के चौथे दिन वाणिज्य विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के प्रोफेसर के. के. अग्रवाल मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे.
कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय की निदेशक प्रो. कल्पलता पांडेय, प्राचार्य प्रो. आर.एन. शर्मा और मुख्य अतिथि प्रो. के. के. अग्रवाल द्वारा मां सरस्वती और आचार्य पंडित सीताराम चतुर्वेदी के चित्र पर माल्यार्पण करके की गई. इसके बाद, प्रो. कल्पलता पांडेय ने मुख्य अतिथि का सम्मान अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह और पौधा देकर किया.
मुख्य वक्ता प्रो. के. के. अग्रवाल ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि रोजगार पाना उतना महत्वपूर्ण नहीं है, जितना रोजगार के लिए योग्यता हासिल करना. उन्होंने सफलता के तीन प्रमुख तत्व—समय, कौशल और उचित माहौल—को जीवन में अनिवार्य बताया. साथ ही, उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे दिखावटी न होकर अपनी असली क्षमताओं को पहचानें और हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी के कौशल में भी निपुणता हासिल करें.
महाविद्यालय की निदेशक प्रो. कल्पलता पांडेय ने भी नव प्रवेशी छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए प्रेरक बातें साझा कीं, जबकि प्राचार्य प्रो. आर. एन. शर्मा ने कार्यक्रम के समापन पर सभी का आभार व्यक्त किया.
कार्यक्रम का संचालन वैशाली पांडेय ने किया. इसके पूर्व, महाविद्यालय की छात्राओं ने विश्व शांति दिवस के सिल्वर जुबली कार्यक्रम के अंतर्गत पोस्टर बनाने और भाषण प्रस्तुत करने की गतिविधियों में हिस्सा लिया.
इस अवसर पर महाविद्यालय के कई प्रमुख शिक्षक-शिक्षिकाएं, जिनमें डॉ. रजनी श्रीवास्तव, डॉ. अरुण कुमार दुबे, डॉ. सूर्य प्रकाश वर्मा, दीपक कुमार गुप्ता, प्रतिभा गुप्ता, अंजलि विश्वकर्मा, डॉ. प्रतिमा राय, लवकेश तिवारी, और रिचा शुक्ला प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.