BHU के रिटायर्डकर्मी से जमीन के नाम पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी, कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश

जमीन बेचने के नाम पर धोखाधड़ी व कूटरचना कर लाखों रुपये हड़पने के मामले में अदालत ने एक आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.

BHU के रिटायर्डकर्मी से जमीन के नाम पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी, कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश

वाराणसी,भदैनी मिरर। जमीन बेचने के नाम पर धोखाधड़ी व कूटरचना कर लाखों रुपये हड़पने के मामले में अदालत ने एक आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (तृतीय) पवन कुमार सिंह की अदालत ने यह आदेश वादी मुकदमा बीएचयू के सेवानिवृत्त कर्मी छित्तूपुर, लंका निवासी नाथू गौंड़ की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद लंका थाना प्रभारी को दिया.

प्रकरण के अनुसार नाथू गौंड़ ने अपने अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव व चंद्रबली पटेल के जरिये बीएनएसएस की धारा 175(3) के जरिये अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था. आरोप है कि बीएचयू से सेवानिवृत्त होने के बाद मिले धनराशि से वह घर बनाने के लिए जमीन तलाश कर रहा था. इस दौरान उसकी मुलाकात मूलरूप से रेवतीपुर, गाजीपुर व वर्तमान में सुसुवाही, चितईपुर निवासी विनोद राय से हुई. उसने बताया कि उसकी रामनगर में एक जमीन भीटी रामनगर में हैं. साथ ही उक्त जमीन की खतौनी भी दिखाया. जिस पर विश्वास करके वादी अपने पुत्र के साथ जमीन देखने गया और जमीन पसंद आने पर उक्त जमीन 33 लाख रुपयों में लेना तय हुआ. जिसके बाद वादी ने विनोद राय की मांग पर 01 अगस्त 2020 को अपने घर पर अपने पुत्र अजीत व राजनारायन के सामने 1 लाख 51 हजार रुपये नगद एडवांस के रूप में विनोद राय को दिये. बाद में भिन्न भिन्न तिथियों पर भी कुल 20 लाख रुपये उसके खाते में ट्रांसफर किये और शेष रकम बैनामा के समय देने को कहा. लेकिन कई बार कहने के बाद भी विनोद राय ने जमीन का बैनामा नही किया और टालमटोल करता रहा.

शक होने पर जब वादी ने जमीन के कागजातों की जांच-पड़ताल की तो पता चला कि उक्त जमीन किसी और के नाम है और जो खतौनी उसे दी गयी है, वह धोखाधड़ी व कूटरचना करके तैयार की गई है. इस पर उसने अपना 21.50 लाख रुपये विनोद राय से वापस मांगा तो वह उग्र हो गया और उसे जान से मारने की धमकी देने लगा. इस मामले में थाने समेत उच्चाधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो उसने अदालत की शरण ली.