ज्ञानवापी प्रकरण के पक्षकार विसेन को पुलिस ने नोटिस भेजकर मांगा स्पष्टीकरण, बोले- तैयार है मेरा महत्वपूर्ण जवाब...

ज्ञानवापी परिसर से जुड़े पांच वादों का पॉवर ऑफ अटॉर्नी सीएम योगी आदित्यनाथ को दिए जाने की विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख की घोषणा के बाद कमिश्नरेट पुलिस ने नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है.

ज्ञानवापी प्रकरण के पक्षकार विसेन को पुलिस ने नोटिस भेजकर मांगा स्पष्टीकरण, बोले- तैयार है मेरा महत्वपूर्ण जवाब...

वाराणसी, भदैनी मिरर। ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े 5 मामलों की पावर ऑफ अटॉर्नी देने के बयान पर पक्षकार विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन को चौक इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्र ने नोटिस भेज दिया है. पुलिस ने नोटिस में लिखा है की जिन मामलों में पहले से स्थानीय अधिकारी बतौर प्रतिवादी नामित हैं, उनमें किन आधार पर आप मुख्यमंत्री को पक्षकार बनाने का दावा कर रहे हैं. पुलिस ने नोटिस मिलने के 3 के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है अन्यथा कानूनी कार्रवाई की बात कही है.

उधर नोटिस मिलने के बाद जितेंद्र सिंह विसेन ने कहा है की हम सभी प्रकार के प्रश्नों के जवाब देने को तैयार हैं. हमारा जवाब बड़ा महत्वपूर्ण होगा और उससे सभी तरह की अटकलों पर विराम भी लग जाएगा. 

मेरी और मेरे परिवार की हो सकती है हत्या

वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने नोटिस मिलने के बाद प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा की सभी मुकदमे जो विश्व वैदिक सनातन संघ के द्वारा संचालित हैं, उनकी पावर ऑफ अटॉर्नी योगी आदित्यनाथ  महाराज को अति शीघ्र सौंपी जाएगी. उन्होंने कहा की हमारे द्वारा 29 अक्टूबर 2022 को यह घोषणा की गई थी कि सभी तरह की लीगल फॉर्मेलिटीज 15 नवंबर तक पूरी कर ली जाएंगी, लेकिन अब यह कार्यवाही 2 दिन के अंदर पूरी होगी. जितेंद्र सिंह विसेन ने कहा है की मैं और मेरा परिवार देश विरोधी शक्तियां के निशाने पर है. मेरी वह मेरे परिवार की कभी भी किसी माध्यम से भी हत्या करवाई जा सकती है. 

उन्होंने यह भी कहा की मैं एक बार और स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हमारे द्वारा यह सभी पावर ऑफ अटॉर्नी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नहीं सौंपी जा रही बल्कि गौ रक्षा पीठ की महंत योगी आदित्यनाथ जी महाराज को सौंपी जा रही हैं.
विसेन ने आगे कहा की विगत 15 दिनों से मैं और मेरा परिवार एक प्रकार से समाज से छुप कर रह रहा है क्योंकि हमें यह जानकारी प्राप्त हो चुकी है कि हमारी कभी भी हत्या करवाई जा सकती है इसीलिए यह निर्णय करना पड़ा है.