पिंडरा सीट पर बीजेपी का रहेगा कब्जा या कांग्रेस करेगी वापसी !
Pindra seat will be occupied by BJP or Congress will returnपिंडरा सीट पर बीजेपी का रहेगा कब्जा या कांग्रेस करेगी वापसी !
सपा, सुभासपा, अपना दल गठबंधन प्रत्याशी उतारेगी तो लड़ाई होगी दिलचस्प!
वाराणसी,भदैनी मिरर। यूपी में चुनाव की आहट के बीच "कौन बनेगा प्रत्याशी" किसके हिस्से आएगी जीत की थाती टाईप की सुगबुगाहट अब शुरू हो चुकी है। चुनाव 2022 में होने हैं। इसको देखते हुये सम्भावित दावेदारों ने कमर कस ली है। कहीं लोकलुभावन घोषणाएं की जा रही हैं तो कहीं वर्षों से आधे-अधूरे पड़े काम तेजी से पूरे कराए जा रहे हैं, ताकि जनता उनके पक्ष में आये। अगर बात वाराणसी के चर्चित विधानसभा पिंडरा की करें तो यहां लड़ाई भाजपा कांग्रेस के बीच जोरदार तरीक़े से होने की संभावना है। वर्ष 2012 के चुनाव में कांग्रेस ने अजय राय को पिंडरा से चुनाव में उतारा था उस वक्त यह विधान सभा सीट कांग्रेस के खाते में चली गयी थी। ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि अजय राय यहां से चार बार विधायक निर्वाचित हुये हैं। परंतु वर्ष 2017 में दूसरे दलों का चक्कर लगाकर भाजपा में आये डॉ.अवधेश सिंह ने मोदी लहर में कांग्रेस से यह सीट अपने कब्जे में कर लिया था, वर्तमान में वही विधायक हैं। औऱ उन्हें उम्मीद है कि भाजपा उन्हें इस बार भी उम्मीदवार बनायेगी। बहरहाल बात करें पिंडरा विधानसभा इलाके के मतदाताओं की तो यहाँ अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर है।
इस विधानसभा क्षेत्र में पिछड़ी जाति के मतदाता जिस प्रत्याशी की तरफ चले जाते हैं उसकी जीत सुनिश्चित हो जाती है। पिंडरा में कुर्मी औऱ ब्राम्हण मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं। ऐसे में भाजपा कांग्रेस इन दो जातियों के साथ अन्य जातियों को साधने में लगी हुई है। यहाँ दलित यादव, भूमिहार, क्षत्रिय, राजभर, वैश्य, मुस्लिम, मौर्य,चौहान अन्य जातियां मौजूद हैं। अगर पिंडरा विधानसभा के गांवों की बात करें तो आकड़ो के मुताबिक यहां कुल चार सौ से ज्यादा गांव हैं, इसमें दो ब्लॉक पिंडरा और बड़ागांव भी हैं। कांग्रेस की तरफ से तो अजय राय का टिकट लगभग क्लियर ही है, मगर बात बीजेपी के दावेदारों की करें तो वर्तमान विधायक डा. अवधेश सिंह तो दावेदार हैं ही, मगर उनकी जगह बीजेपी दूसरे दावेदारों पर दांव लगाती है तो रजनीकांत मिश्रा, दीपक सिंह और रविशंकर सिंह, सुनील पटेल का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। रजनीकांत मिश्रा एक बड़े उद्योगपति हैं और पिछली दफा भी बीजेपी से टिकट के लिये प्रयासरत रहे हैं, वर्तमान में भी मजबूती से टिकट के प्रयासरत बताये जा रहे हैं। वहीं दीपक सिंह बीजेपी के सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) के नेता हैं और वर्तमान में दीपक सिंह की पत्नी बड़ागाँव ब्लाक प्रमुख हैं। अगर पिंडरा सीट अपना दल कोटे में गयी तो दीपक सिंह एक मजबूत दावेदार हैं और बात युवा उम्मीदवार रविशंकर सिंह की करें तो रविशंकर सिंह जो वर्तमान में पिंडरा ब्लॉक प्रमुख संरक्षक हैं, जो क्षेत्र में काफी सक्रिय भी है, वह टिकट के प्रमुख दावेदारो में से हैं। अगर पार्टी पिंडरा से नये चेहरे को अवसर देती है तो यह भी उनमें से प्रमुख होंगे।
सुनील पटेल पूर्व में पिंडरा विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं,वह भी अपना दल एस के दावेदारों में से हैं।
बहरहाल जो भी हो पिंडरा में लड़ाई जबरदस्त और भाजपा - कांग्रेस के बीच होगा। हालांकि मुकाबला रोचक और त्रिकोणीय चतुष्कोणीय हो पायेगा कि नहीं इसके लिये सपा-बसपा के उम्मीदवारों पर निर्भर होगा। कयास यह भी लगाया जा रहा है कि सपा, सुभासपा अपना दल(कमेरावादी) संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर अपना दल के संस्थापक स्व.सोनेलाल पटेल की पत्नी कृष्णा पटेल या उनकी बेटी पल्लवी पटेल को गठबंधन के तहत पिंडरा से चुनाव लड़ा सकती है। अगर ऐसा हुआ तो लड़ाई औऱ दिलचस्प होगी, क्योंकि सोनेलाल पटेल यहीं से चुनाव लड़ते आ रहे थे।
(वरिष्ठ पत्रकार विनय मौर्या की रिपोर्ट)