वाराणसी में अवैध खनन को लेकर NGT में याचिका दायर: सामाजिक कार्यकर्ता ने की शिकायत, कहा हुजूर करें गंगा और पर्यावरण की रक्षा...

Petition filed in NGT regarding illegal mining in Varanasi Social worker complainedवाराणसी में अवैध खनन को लेकर NGT में याचिका दायर: सामाजिक कार्यकर्ता ने की शिकायत, कहा हुजूर करें गंगा और पर्यावरण की रक्षा...

वाराणसी में अवैध खनन को लेकर NGT में याचिका दायर: सामाजिक कार्यकर्ता ने की शिकायत, कहा हुजूर करें गंगा और पर्यावरण की रक्षा...

वाराणसी, भदैनी मिरर। अवैध बालू खनन को लेकर तमाम शिकायतों के बावजूद लूट जारी है। इसके विरुद्ध नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, प्रधान पीठ, नई दिल्ली(राष्ट्रीय हरित अधिकरण, नई दिल्ली) के न्यायालय में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ अवधेश दीक्षित द्वारा प्रयागराज उच्च न्यायलय के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने याचिका दायर की गयी है।

ड्रेजिंग के नाम पर हुई 12 करोड़ की लूट

अवधेश दीक्षित ने अपनी याचिका में बताया कि वर्ष 2021 में वाराणसी गंगा घाटों की विपरीत दिशा में प्रशासन ने रेत में नहर का निर्माण कराया था तथा प्रशासन का दावा था कि इससे गंगा घाटों पर जल दबाव कम होगा । बिना किसी विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा के मनमाने ढंग से 11.95 करोड़ रुपए लगा कर खोदी गई नहर जून माह में पूर्ण हुई और बरसात आते ही अगस्त 2021 में पूरी तरह से डूब गई तथा जलप्रवाह के नैसर्गिक व स्वाभाविक वेग से बालू बह कर गड्ढों में भरने से नहर ने पूरी तरह अपना अस्तित्व खो दिया । नहर ड्रेजिंग के समय ही जब इसकी प्रासंगिकता पर सवाल उठाए गए तथा इसे पैसे की बर्बादी करार दिया गया तो जिलाधिकारी वाराणसी द्वारा आनन-फानन में निस्तारित बालू के उठान का निविदा जारी कर यह सिद्ध करने की कोशिश की गई की इस नहर की ड्रेजिंग के एक हिस्से की लागत हम बालू उठान की निविदा से निकाल रहे हैं। ड्रेजिंग के नाम पर 12 करोड़ की लूट के बाद यह निविदा प्रशासनिक मनमानेपन व लूट की दूसरी किस्त थी, जिसमें व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। 

लिखित शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं
गौरतलब है कि जिलाधिकारी ने जून 2021 में मात्र 6 महीने की अवधि के लिए रामनगर क्षेत्र में कुल 9 लाट बालू के उठान की निविदा जारी की थी जिसमें तब केवल 3 लाट की निविदाएं ही स्वीकृत हुईं। जिन ठेकेदारों को निविदा प्राप्त हुई उन्होंने 1 महीने तक खूब धड़ल्ले से किनारे का खनन कर डाला और ड्रेज मैटेरियल न उठाकर अपनी सुविधानुसार किनारे से ही बालू की लूट शुरू कर दी।तब भी इसकी लिखित शिकायत की गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई ।

निविदा अवधि दिसम्बर 2021 में हो चुकी है समाप्त

याचिकाकर्ता का आरोप है कि जून 2021 से जारी निविदा की अवधि दिसंबर 2021 में समाप्त हो चुकी है। लेकिन तब से अभी तक लगातार मनमाने ढंग से दर्जनों जेसीबी और हजारों ट्रैक्टर लगा कर के अवैध बालू खनन शुरू है; जिसमें जिला अधिकारी की चुप्पी और जिला खनन अधिकारी की मिलीभगत से इन ठेकेदारों ने लूट मचा रखी है। निश्चित मात्रा में नहर से निस्तारित बालू को उठाने की बजाए अब तक उससे कई गुना ज्यादा बालू यहां वहां से खोद कर नदी के तट का स्वरूप विद्रूप कर दिया गया जो आगामी बाढ़ में किनारे के कटान का सबब बन सकता है।

उच्च न्यायालय से करेंगे यह मांग

अवधेश दीक्षित ने कहा कि साक्ष्य पूर्ण शिकायतों के बाद भी प्रशासन की तरफ से इस लूट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई तो वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सौरभ तिवारी के माध्यम से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका दायर कर इस पर अविलंब हस्तक्षेप करने, अवैध बालू खनन पर त्वरित रुप से रोक लगानें व स्वतंत्र जांच समिति गठित करते हुए मामले कि उच्च स्तरीय जाँच व दोषियों पर कार्रवाई  तथा  गंगा व पर्यावरण की रक्षा की प्रार्थना की गई है। याचिका में वर्तमान बालू खनन को सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी द्वारा दिये फैसले के विरुद्ध बताया गया है।